Javed Akhtar lahore: गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान की हालिया यात्रा के दौरान 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों पर की गई उनकी टिप्पणी बहुत बड़ी बन गई लेकिन वहां मौजूद होने के नाते मुझे कुछ चीजों को दुरुस्त करना था इसलिए यह बात कही. खुद को ऐसा व्यक्ति बताते हुए जिसने भारत के लिहाज से थोड़ी विवादास्पद और संवेदनशील प्रकृति की टिप्पणी की. अख्तर ने कहा कि वह पाकिस्तान में होने के बावजूद अपने मन की बात कहने से नहीं डरें.


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जावेद अख्तर का आया बयान


मशहूर उर्दू शायर फैज अहमद फैज की याद में पिछले सप्ताह आयोजित एक समारोह में शामिल होने पाकिस्तान गए अख्तर ने कहा कि जब भारत 2008 के आतंकी हमले की बात करता है तो पाकिस्तानियों को नाराज नहीं होना चाहिए. गीतकार ने मीडिया कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह बड़ी बात बन गई. यह मेरे लिए शर्मिंदा करने वाला है. अब मुझे लगता है कि मुझे इस पर हंसना नहीं चाहिए. जब मैं यहां आया तो मुझे ऐसा लगा कि मैंने तीसरा विश्व युद्ध जीत लिया है. लोगों के साथ-साथ मीडिया से भी इतनी प्रतिक्रियाएं मिलीं कि मैंने फोन उठाना बंद कर दिया था. मैं शर्मिंदा था कि ऐसा मैंने क्या तीर मार दिया. मुझे ये बातें कहनी थीं, क्या हमें चुप रहना चाहिए? उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अब पता चला है कि उनकी टिप्पणियों से पाकिस्तान में हलचल मच गई है.


बातें विवादास्पद और संवेदनशील भी


अख्तर ने कहा कि मुझे पता चला कि वहां लोग मुझे अपशब्द कह रहे हैं. वे पूछ रहे हैं कि उन्हें (अख्तर) वीजा क्यों दिया गया? अब मैं केवल यह याद रखूंगा कि वह कैसी जगह थी. मैं जिस देश में पैदा हुआ, जहां मैं रहता हूं और जहां मैं मरूंगा, वहां भी ऐसी बातें करता रहा हूं जो थोड़ी विवादास्पद और संवेदनशील प्रकृति की हैं फिर पाकिस्तान में मेरे लिए डरने की क्या बात थी? जब यहां डर नहीं लगता फिर मैं वहां क्यों डरूंगा?


(इनपुट: एजेंसी)


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