नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग ने देश में 5जी अनुपालन में अहम मानी जा रही मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सेवा देने के लिए दूरसंचार लाइसेंस जारी करने संबंधी नियमों को संशोधित किया है. विभाग ने मई, 2018 में एम2एम से संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिए थे लेकिन इनके लाइसेंसिंग प्रावधान से संबंधित नियम उसमें शामिल नहीं किए गए थे.


एम2एम सेवा के लिए परमिट


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विभाग ने सोमवार को जारी लाइसेंस संशोधन प्रारूप में कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर एम2एम सेवा के लिए परमिट जारी करने के प्रावधान को भी इसमें शामिल किया गया है. इसके अलावा सर्किल एवं जिला स्तर पर भी ये परमिट जारी किए जा सकेंगे.


40 लाख रुपये की बैंक गारंटी


दूरसंचार विभाग ने कहा कि एम2एम सेवाएं देने की मंशा रखने वाली दूरसंचार कंपनियों को राष्ट्रीय परमिट के लिए 30 लाख रुपये का प्रवेश शुल्क और 40 लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी. सर्किल परमिट के लिए यह राशि 2-2 लाख रुपये होगी और जिला स्तर के परमिट के लिए प्रवेश शुल्क 20,000 रुपये एवं बैंक गारंटी 10,000 रुपये होगी. 



बदलाव दूरसंचार सेवा लाइसेंसों के लिए


इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार लाइसेंस में ऑडियोटेक्स या आईवीआरएस सेवा के लिए भी प्रावधान किया है. ये बदलाव सभी श्रेणियों की दूरसंचार सेवा लाइसेंसों के लिए किए गए हैं.


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