नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के 14 जिले नक्सल समस्या से प्रभावित हैं. विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को प्रदेश के गृहमंत्री ने यह जानकारी दी. गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने विधायक देवती कर्मा के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश के सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, नारायणपुर, राजनांदगांव, बालोदए धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बलरामपुर और कबीरधाम जिले नक्सल समस्या से प्रभावित हैं. गृहमंत्री ने बताया कि नक्सल प्रभावित जिलों की पहचान विगत पांच वर्षों में घटित नक्सल अपराध, विभिन्न नक्सली संगठनों की ओर से प्रभावित जिलों में संगठनात्मक मजबूती के लिए किए गए प्रयास, सशस्त्र दलों की मौजूदगी, उनकी गतिविधियां और उनकी मारक क्षमता, संगठनों का विस्तार और सक्रियता आदि के रूप में उपलब्ध जानकारी के आधार पर की जाती है. उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए उपाय के मापदंड पर भी नक्सल प्रभावित इलाकों की पहचान की जाती है. 


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नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार के प्रयास जारी
रामसेवक पैकरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने दावा किया था कि 2022 तक प्रदेश को नक्सलवाद की समस्या का खात्मा कर दिया जाएगा. रमन सरकार के इस दावे की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी पुष्टि की थी. इसी साल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित राज्यों की समीक्षा करते हुए छत्तीसगढ़ के तीन जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया था. गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग राज्यों के कुल 44 जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर किया था. 


कबीरधाम जिला नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल
गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई सूची में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले को नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल किया गया था. गृह मंत्रालय द्वारा जिन जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर किया गया है, उनमें सरगुजा, जसपुर और कोरिया शामिल थे. छत्तीसगढ़ में पहले 16 जिले नक्सल प्रभावित थे. वहीं तीन जिले हटने और एक नया जिला जुड़ने से प्रदेश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 14 हो गई थी. छत्तीसगढ़ सरकार बहुत समय से इन जिलों को नक्सल मुक्त बताती रही थी. इन जिलों में कई सालों से नक्सल मूवमेंट नहीं थी. 


कांग्रेस ने किए सीएम रमन सिंह से सवाल
गृह मंत्रालय की सूची में प्रदेश के नए जुड़े जिले को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे. गौरतलब है कि कबीरधाम जिला सीएम रमन सिंह का गृह जिला है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा था कि जब सीएम रमन सिंह का गृह जिला ही नक्सलवाद की चपेट में आ गया है, तो सरकार 2022 तक नक्सलवाद को कैसे खत्म करेगी. भूपेश बघेल ने कहा था कि सीएम से उनका गृह जिला ही नहीं संभल रहा तो और अन्य जिलों का क्या हाल होगा. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां पिछले एक साल में सबसे ज्यादा नक्सल हमले हुए हैं. साथ ही जवानों की शहादत भी सबसे ज्यादा हुई है. नवम्बर 2017 तक के आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ में 318 नक्सली हमलों मे 120 जानें गई हैं.