New CM Of MP, Rajasthan, Chattisgarh: मध्य प्रदेश में बीजेपी को बहुमत मिलते ही सीएम की कुर्सी के लिए नामों पर मंथन शुरू हुआ तो समुद्र से निकले 3 नाम कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और शिवराज सिंह का... हालांकि नाम दो और भी हैं नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा का... दो दिन के चिंतन के बाद पार्टी के सूत्रों से खबर भेजी गई जिसमें एमपी में दोबारा शिवराज सिंह, छत्तीसगढ़ में रेणुका सिंह और राजस्थान में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनाने की बात है. खबर तीर की तरह हर मीडिया हाउस पर चली और जनता गूगल पर सभी के नाम सर्च करने लगी. यहां बड़ा सवाल ये कि जो पिक्चर दिखाई जा रही है, क्या सच में वो है? 


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सरप्राइज पैकेज लाने में माहिर बीजेपी
मोदी-शाह की स्ट्रेटजी को ध्यान से देखें तो वो जो दिखाते हैं वो सिर्फ कुछ समय की धुंध पैदा करने के लिए होता है, मामला छटता है तो पता चलता है कि किरदार कोई और ही निकले. ये जोड़ी सबसे ज्यादा एक्सपेरिमेंट करती है और सरप्राइज पैकेज सामने लाती है. मार्च 2017 याद कीजिए जब यूपी के सीएम पद के लिए गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा हुई.  योगी ने विधानसभा चुनाव के प्रचार में पूरा दम लगाया लेकिन सीएम के लिए उनका नाम कोई सोच भी नहीं सकता था.  


योगी आदित्यनाथ के नाम ने चौंकाया
योगी विदेश दौरे पर जा रहे थे, उन्हें कहा गया कि चुनाव के परिणाम तक आपका यहां रहना जरूरी है. तब भी सिर्फ यही कयास लगे कि आदित्यनाथ को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी.  उस समय भी बीजेपी की तरफ से सीएम के लिए दूसरे कई बड़े नाम जैसे तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, मनोज सिन्हा मीडिया को बताए गए. मौर्य भी ओबीसी नेता के तौर पर पहचान रखते हैं. सिन्हा पीएम मोदी के करीबी भी रहे हैं. इन सब के बाद 19 मार्च को योगी का शपथ ग्रहण हुआ. 


पुष्कर सिंह धामी थे सरप्राइज पैकेज
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी की बात करें तो खटीमा से विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनके नाम पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा था. पार्टी भी कई नामों पर चर्चा कर रही थी, लेकिन अचानक धामी को सीएम बनाना सरप्राइज पैकेज था. पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी हैं. कोश्यारी जब सीएम थे, तब धामी उनके ओएसडी थे. वो 2012 और 2017 में खटीमा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे. 


गुजरात में किया एक्सपेरिमेंट 
गुजरात में दिसंबर 2022 में सीएम पद के लिए एक बार फिर भूपेंद्र पटेल को चुना. उससे पहले पार्टी ने पटेल को विधायक दल का नेता चुना, जो सिर्फ औपचारिकता थी. बीजेपी चुनाव से पहले ही पटेल को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुकी थी. उससे पहले जब भूपेंद्र पटेल को पहली बार गुजरात का सीएम बनाया तो एक ही लाइन चर्चा में आ गई थी कि किस्मत हो तो इनके जैसी. बीजेपी के इस निर्णय से सभी को आश्चर्य हुआ था. पटेल को आनंदी पटेल का करीबी कहा जाता है. घाटलोडिया आनंदी पटेल का ही निर्वाचन क्षेत्र रहा है. बावजूद इसके किसी को उन्हें कैबिनेट तक में जगह मिलने की उम्मीद नहीं थी. लेकिन सरप्राइज के तौर पर मिला तो सीधे सीएम का पद. 


विजय रूपाणी भी थे नया नाम 
गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर विजय रूपाणी का नाम भी कम आश्चर्य की बात नहीं थी. हाालंकि वो गुजरात प्रदेश के अध्यक्ष थे और संगठन में उनका लंबा करियर था. गुजरात में 2022 में चुनाव होने थे उससे एक साल पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदल दिया.  मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. विजय रुपाणी को साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को हटाकर गुजरात के सत्ता की कमान सौंपी गई थी.