Burhanpur Assembly Election Result 2023:  बुरहानपुर विधानसभा सीट के नतीजों पर इस बार सबकी नजरें टिकी हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी यहां निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी. जबकि 2023 में भी यहां निर्दलीय प्रत्याशी की वजह से समीकरण त्रिकोणीय नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने इस बार यहां 2018 में निर्दलीय चुनाव जीते सुरेंद्र सिंह शेरा को प्रत्याशी बनाया था, जबकि बीजेपी की तरफ से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस मैदान में थी. इसके अलावा बीजेपी के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षबर्धन सिंह चौहान ने यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा है. 


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बुरहानपुर में बंपर मतदान 


बुरहानपुर विधानसभा सीट पर इस बार 76.5 प्रतिशत मतदान हुआ है. बुरहानपुर में मुस्लिम मतदाता प्रभावी भूमिका निभाते हैं, ऐसे में एआईएमआईएम के प्रत्याशी पर भी यहां सबकी नजरे हैं. क्योंकि निकाय चुनाव में एआईएमआईएम ने अच्छा प्रदर्शन किया था. 


2018 में निर्दलीय प्रत्याशी को मिली थी जीत 


2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, कांग्रेस की तरफ से रविंद्र महाजन और निर्दलीय से ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा मैदान में उतरे थे. इसमें निर्दलीय सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा  को 98,551 वोट मिलें थे और उन्होंने अर्चना चिटनिस को हरा दिया था. बीजेपी सरकार में दो बार मंत्री रही अर्चना इस चुनाव में 5,120 वोटों से यह चुनाव हारी थी. जबकि कांग्रेस के रविंद्र महाजन अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे. 


बुरहानपुर का राजनीतिक इतिहास


बुरहानपुर विधानसभा सीट महाराष्ट्र से सटी हुई है. 1985 में यहां सबसे पहले कांग्रेस के फिरोजा अजगर अली को जीत मिली थी, लेकिन उसके बाद से कांग्रेस पार्टी को जीत नहीं मिल पाई हैं. 2008 के चुनाव में पहली बार भाजपा की अर्चना चिटनिस ने पार्टी को जीत दिलाई थी. ठाकुर शिवकुमार सिंह ने 1990 में जनता दल के प्रत्याशी और 1998 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी. 1993 में भी निर्दलीय प्रत्याशी महंत स्वामी उमेश मुनि ने ही जीत हासिल की थी. 2013 में एक बार फिर अर्चना चिटनिस ने जीत दर्ज की थी. 2018 में निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह जीते थे.