Chhattisgarh Assembly Election: देश के पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. चुनाव के दौरान आपको कई ऐसी खबर देखने या सुनने को मिलेगी जो आपको भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में हमारे बढ़ते कदमों को दिखाते है. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है. यहां पर चुनावी इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जो वोट डालने बूथों तक जाने में सक्षम नहीं है उन तक स्वयं निर्वाचन विभाग के टीम पहुंची है. इसमें से एक व्यक्ति ऐसा भी मिला जो दुर्घटना की वजह से 14 वर्षों बाद अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाया. दरअसल, विधानसभा निर्वाचन तो 17 नवंबर को है लेकिन उससे पहले विशेष दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को होम वोटिंग के तहत मतदान कराए जा रहे हैं. कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि जो सोचकर बैठे थे कि हम मतदान नहीं कर पाएंगे ऐसे लोगों के चेहरे पर अब चेहरे खिल उठे हैं. 


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दरअसल होम वोटिंग के तहत जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र के 80 वर्ष से अधिक की आयु के कुल 49 बुजुर्ग तथा चलने-फिरने मे असमर्थ, 19 दिव्यांग मतदाताओं ने अपने घरों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है जिसके अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 59 संजारी बालोद के 15, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 60 डौण्डीलोहारा के 08 तथा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 61 गुण्डरदेही के 26 बुजुर्ग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसी तरह विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 59 संजारी बालोद के 03, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 60 डौण्डीलोहारा के 06 तथा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 61 गुण्डरदेही 10 दिव्यांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.


दी जा रही व्यवस्थाएं


बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि बालोद जिले में होम वोटिंग के अंतर्गत मतदान के कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कराने हेतु सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई थी. मतदान दल के सभी अधिकारी-कर्मचारी माइक्रो आब्जर्वर तथा रूट प्रभारी के साथ निर्धारित समय में मतदाताओं के घरों में पहुंचकर मतदान के कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा रहा है. बालोद जिले में होम वोटिंग के कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कराने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशानुसार नायब तहसीलदारों की ड्यूटी लगाई गई है और मतदान करने के पश्चात् बहुत ही प्रसन्न नजर आ रहे जिले के दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाताओं ने अपने लिए अत्यंत उपयोगी एवं महत्वपूर्ण बताया है.


कलेक्टर ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के इस महत्वपूर्ण व्यवस्था के कारण आज उन्हें अपने शारीरिक असमर्थता के बावजूद भी अपने घर में मताधिकार का प्रयोग करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की नई व्यवस्था हर दृष्टि से काबिले-तारीफ है. इसके फलस्वरूप अब निःशक्त हो या सशक्त देश के प्रत्येक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी अनिवार्य रूप से भागीदारी सुनिश्चित करा सकता है.