MP Election: मध्य प्रदेश में मतदान के बाद प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है. इस बार प्रदेश में 76.22 प्रतिशत वोटिंग हुई है. खास बात यह है कि प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने इस बार दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा था. इन सीटों पर भी वोटिंग परसेंटेज बेहद दिलचस्प रहा है. 


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बीजेपी ने 8 सीटों पर लड़ाए बड़े चेहरे 


बीजेपी ने इस बार मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्री समेत कुल सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था. जबकि राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 सीट से चुनाव लड़ाया गया था. ऐसे में इन सीटों के वोटिंग प्रतिशत पर सबकी नजरें रही. खास बात यह है कि इन दिग्गजों की आठ सीटों में से 6 सीटों इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ गया है. जबकि दो सीटों पर मतदान कम हुआ है. ऐसे में यहां भी राजनीतिक पंडित यह बता पाने में नाकाम हैं कि 3 दिसंबर को इन सीटों का नतीजा कैसा रहेगा. 


दिमनी में घट गया मतदान 


मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव लड़े हैं. ऐसे में इस सीट पर सबकी नजरें थी. लेकिन दिमनी में पिछले दो चुनावों के मुकाबले वोटिंग घट गई है. दिमनी में इस बार चार प्रतिशत तक कम वोटिंग हुई है. ऐसे में यहां कोई भी सटीक आंकलन लगाना मुश्किल हो रहा है. खास बात यह है कि सबसे ज्यादा उपद्रव की खबरें भी दिमनी से ही आई है. 


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गाडरवारा में घट गई वोटिंग 


नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी ने सांसद राव उदय प्रताप सिंह को चुनाव लड़ाया था. लेकिन इस सीट पर 3 चुनावों के बाद वोटिंग घट गई है. यहां 2018 की तुलना में 
1.55 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है. कांग्रेस ने यहां से विधायक सुनीता पटेल को ही चुनाव लड़ाया था. ऐसे में इस सीट पर भी वोटिंग घटने से राजनीतिक जानकार थोड़ा हैरान है. 


जबलपुर पश्चिम में सबसे ज्यादा वोटिंग 


जबलपुर पश्चिम सीट महाकौशल की सबसे हॉट सीट थी. यहां बीजेपी के सांसद राकेश सिंह और कांग्रेस के तरुण भनोट के बीच मुकाबला था. यहां पिछले तीन चुनावों के मुकाबले सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है. जबलपुर पश्चिम में 10 साल बाद पांच प्रतिशत वोटिंग बढ़ गई है. 2018 में यहां 66.62 प्रतिशत वोटिंग हुई है. जबकि इस बार 71 प्रतिशत वोटिंग हुई है. ऐसे में इस सीट पर भी मुकबला दिलचस्प हो गया है. 


नरसिंहपुर में बढ़ा मतदान प्रतिशत 


नरसिंहपुर विधानसभा सीट से पहली बार केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल विधानसभा चुनाव में उतरे. इस सीट पर भी मतदान प्रतिशत बढ़ गया है. कांग्रेस ने यहां प्रहलाद सिंह पटेल के सामने लाखन सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया था. यहां 2 प्रतिशत वोटिंग ज्यादा हुई है. 


इन सीटों पर भी बढ़ गया वोटिंग प्रतिशत 


  • मंडला जिले की निवास सीट पर 2018 मुकाबले 3 प्रतिशत वोटिंग ज्यादा हुई है. यहां से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव लड़ रहे थे. 

  • सीधी सीट पेशाब कांड की वजह से चर्चा में रही है, यहां 2018 के मुकाबले 1 प्रतिशत मतदान बढ़ा है. यहां से बीजेपी सांसद रीति पाठक चुनाव मैदान में थी. 

  • सतना विधानसभा सीट पर यहां से बीजेपी के सांसद राकेश सिंह चुनाव लड़े हैं. सतना में इस बार 1.29 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है. 


इंदौर-1 में मुकाबला दिलचस्प 


इंदौर-1 विधानसभा सीट पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़े हैं. कांग्रेस ने उनके सामने विधायक संजय शुक्ला को ही प्रत्याशी बनाया था. इस सीट पर 2018 के मुकाबले 2.84 प्रतिशत वोटिंग बढ़ गई है. इस सीट पर भी इस बार सबकी नजरें हैं, क्योंकि यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प दिख रहा है. 


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