MP Assemble Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान हो चुका है. मतदान होने के तीन दिन बाद खंडवा में 20 नवंबर को वोटिंग का मामला सामने आया है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना बताए 123 डाक मतपत्र डलवाये गए है. अब ये पूरा मामला केंद्रीय चुनाव आयोग तक पहुंच गया है, जिसके बाद एमपी के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने केंद्रीय इलेक्शन कमीशन से डायरेक्शन मांगा है. इतना ही नहीं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट में इन वोटों को शून्य घोषित करने का आदेश दिया है. 


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क्यों दोबारा हुई वोटिंग?
खंडवा में चुनाव आयोग की अनुमति के बिना 17 नवंबर के तीन दिन बाद वोटिंग कराई गई. इस पूरे मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट में इन वोटों को शून्य घोषित करने को कहा है. मिली जानकारी के अनुसार चुनाव की वोटिंग के लिए तैनात किए गए नोडल अधिकारी ने खंडवा जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना बताए ही डाक मतपत्र डलवा दिए. बता दें कि चुनाव में तैनात कर्मचारियों से प्रशिक्षण के दौरान डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कराया गया. इसमें वे कर्मचारी शामिल है जिनकी ड्यूटी 17 नवंबर को खंडवा से बाहर थी.


डायरेक्शन का इंतजार है
इस पूरे मामले को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि, इस पूरे मामले की रिपोर्ट आयोग को भेज दी गई है.अब उन्हें डायरेक्शन का इंतजार है. वहीं एसपी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि, ये वोट जिला निर्वाचन टीम के माध्यम से वोट डाले गए हैं. ये सभी डाक मतपत्र अन्य जिलों से खंडवा पहुंचे थे. इस वोटिंग की पूरी रिपोर्ट कलेक्टर की ​ओर से आयोग को भेज दी गई है. 


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कांग्रेस ने लगाया आरोप
खंडवा में पोस्टल बैलेट से वोटिंग मामले में कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाया है. कांग्रेस ने  खंडवा में 20 को पोस्टल बैलेट से वोटिंग के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखते हुए खंडवा जैसे व्यवस्था पूरे प्रदेश में करने की मांग की है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि, शासकीय कर्मचारियों को सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा षडयंत्रपूर्वक मतदान से वंचित किया गया. आज भी हजारों शासकीय कर्मचारी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए परेशान है. खंडवा की तरह सभी वंचित शासकीय कर्मचारी जो चुनाव ड्यूटी पर तैनात होने के कारण मतदान नहीं कर सके है उन्हें मतदान करने का अवसर प्रदान किया जाए.


रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा