Beohari Election Result: बीजेपी के शरद कोल कांग्रेस के रामलखन सिंह को दी मात, जानें मतों का अंतर
MP Vidhan Sabha Chunav Result: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव रिजल्ट (Election Result 2023) के लिए मतगणना 3 दिसंबर को हो रही है. इसपर सभी की नजरें बनी हुई है. यहां हम आपको शहडोल (Shahdol News) जिले की ब्यौहारी विधानसभा (Beohari Vidhan Sabha Result) का रिजल्ट बता रहे है.
MP Election Result 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav Result) के लिए वोटिंग हो चुकी है. राज्य में कुल 77.15 फीसदी मतदान हुआ है. ये साल 2018 के चुनावों के मुकाबले 2 फीसदी ज्यादा है. आइये इससे पहले समझते हैं शहडोल जिले (Shahdol News) की ब्यौहारी सीट (Beohari Vidhan Sabha Result) में जनता ने किसे पक्ष में मतदान किया है और यहां के समीकरण के साथ चुनावी इतिहास क्या है.
2023 चुनाव परिणाम
बीजेपी के शरद कोल कांग्रेस के रामलखन सिंह को दी मात, जानें मतों का अंतर
शरद कोल (भाजपा) vs रामलखन सिंह (कांग्रेस)
शरद कोल (भाजपा) 27000 वोट से जीते।
कौन-कौन है प्रत्याशी
शहडोल की ब्यौहारी से विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने शरद को मैदान में उतारा है. उनके सामने कांग्रेस ने रामलाखन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. चुनाव कैंपेन के दौरान दोनों दलों में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. अब परिणाम में जनता का फैसला साफ है.
कितना हुआ है मतदान
विधानसभा चुनाव के लिए पूरे मध्य प्रदेश के साथ ही शहडोल में 17 नवंबर को मतदान हुआ था. इसमें इलाके की जनता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और अगली सरकार में सहभागिता के लिए अपने विधायक का चुनाव किया. शहडोल की बात करें तो यहां कुल 78.82 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं अगर ब्यौहारी विधानसभा की बात करें तो यहां के 74.75 फीसदी लोगों ने मतदान किया था.
2018 चुनाव परिणाम
ब्यौहारी में 2018 के चुनाव परिणाम की बात करें तो यहां से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ कोल सारद जुगलाल ने अपने जीजीपी के मुख्य प्रतिद्वंदी तेज प्रताप सिंह उइके को हराकर जीत हासिल की थी. साल 2018 में ब्यौहारी में जनता ने बीजेपी को बीजेपी- 78007 वोट दिए थे. इस चुनाव में कांग्रेस के खाते में कांग्रेस- 45557 वोट पहुंचे थे. जबकि, अन्य के खाते में अन्य- 66906 वोट गिरे थे.
2023 से पहले मध्य प्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. हालांकि, 2020 में सेनेरियो बदला और सिंधिया के साथ बगावत कर कुछ विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने सरकार बनाई और प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव हुए.