MP Election: मध्य प्रदेश में टिकट वितरण के बाद बीजेपी में नाराज नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है. चुनाव आते-आते कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं. इस बीच अमित शाह मध्य प्रदेश में पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं. अमित शाह ने पहले मध्य प्रदेश में नाराज नेताओं से मुलाकात की थी. जबकि अब खबर आ रही है. शाह ने नाराज नेताओं को दिल्ली बुलाया है. माना जा रहा है कि अमित शाह सबसे मुलाकात करेंगे. उन्होंने पूर्व मंत्री पारस जैन को भी दिल्ली बुलाया है. 


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जारी है शाह सियासी गुणा-भाग 


दरअसल, मध्य प्रदेश में अमित शाह का सियासी गुणा-भाग जारी है. टिकट वितरण के बाद मचे सियासी बवंडर के चलते कई नेताओं ने बागी तेवर तो अख्तियार कर लिए थे. लेकिन नाराजगी का आलम थामने के लिए खुद अमित शाह मैदान में उतर आए हैं. ऐसे में कई बागी मान भी गए हैं तो कई अब भी नाराज हैं, ऐसे में जो नाराज है उन्हें अब दिल्ली दरबार बुला लिया गया है. 


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पारस जैन हैं नाराज 


दरअसल, बीजेपी ने उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री पारस जैन का टिकट काटकर दूसरे प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. पारस जैन इस विधानसभा सीट से 6 चुनाव जीत चुके हैं. वह शिवराज सरकार में लंबे समय तक मंत्री भी रह चुके हैं. लेकिन उनका कहना है कि बीजेपी ने टिकट बदलने से पहले उनसे एक बार यह भी नहीं पूछा कि किसे प्रत्याशी बनाया जाए. ऐसे में उनकी नाराजगी को भांपते हुए अमित शाह ने अब खुद उन्हें दिल्ली बुलाया है. माना जा रहा है कि अमित शाह पारस जैन से मुलाकात कर सकते हैं. 


रचना बघेल से भी की मुलाकात 


बताया जा रहा है कि अमित शाह ने पूर्व मंत्री रंजन बघेल से भी मुलाकात की है. रंजना बघेल धार जिले की मनावर विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी है. लेकिन 2018 के चुनाव में उन्हें हीरालाल अलावा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में बीजेपी ने इस बार रंजना बघेल का टिकट भी काट दिया है. रंजना बघेल ने टिकट कटने के बाद बागी तेवर दिखाए थे. उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय को अपना टिकट कटने का जिम्मेदार बताया था. अमित शाह ने अपने एमपी दौरे के दौरान रंजना बघेल से भी मुलाकात की है. जिसके बाद रंजना बघेल के तेवर भी बदलते नजर आ रहे हैं. 


किस जुगाड़ में हैं शाह 


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमित शाह फिलहाल टिकट वितरण के बाद पनपे आक्रोश को डैमेज कंट्रोल करने में जुटे हैं. अगर कोई नेता नाराज है तो उसे इस बात का आश्वासन दिया जा रहा है कि चुनाव के बाद भी उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा. जबकि टिकट कटने वाले नेताओं को एडजस्ट करने की बात भी कही जा रही है. कुल मिलाकर शाह पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल की स्थिति में जुटे हुए हैं. 


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