Narendra Singh Tomar Prahlad Patel resignation: मध्य प्रदेश में अचानक से सियासी हलचल तेज हो गई है. क्योंकि एक तरफ बीजेपी मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने में जुटी है, इस बीच विधानसभा चुनाव जीते पार्टी के सभी सांसदों ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है. मध्य प्रदेश के पांच सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिससे एक बात तय हो गई है कि इन नेताओं अब राज्य में बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है. 


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इन सांसदों ने दिया इस्तीफा 


  • नरेंद्र सिंह तोमर (केंद्रीय मंत्री थे) 

  • प्रहलाद सिंह पटेल (केंद्रीय मंत्री थे)

  • रीति पाठक (सांसद) 

  • गणेश सिंह (सांसद) 

  • रावउदय प्रताप सिंह (सांसद) 


दिमनी से चुनाव जीते हैं नरेंद्र सिंह तोमर 


नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. वह मुरैना से लोकसभा सदस्य थे और मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे. लेकिन अब उनके लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद इस बात की अटकलें शुरू हो गई हैं कि पार्टी उन्हें राज्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है. 


प्रहलाद सिंह पटेल 


केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी पहली बार नरसिंहपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. वह दमोह संसदीय सीट से सांसद थे. लेकिन उन्होंने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रहलाद सिंह पटेल को भी राज्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. 


राकेश सिंह 


जबलपुर से चार बार के लोकसभा सांसद राकेश सिंह इस बार जबलपुर पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. वह पहली बार विधायकी का चुनाव लड़े थे. ऐसे में राकेश सिंह भी अब केंद्र की जगह राज्य में बड़ी जिम्मेदारी निभा सकते हैं. 


रीति पाठक 


सीधी विधानसभा सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीती रीति पाठक ने भी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. रीति पाठक सीधी से दूसरी बार सांसद चुनी गई थी. लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें सीधी से चुनाव लड़ाया था. 


रावउदय प्रताप सिंह 


होशंगबाद से सांसद रावउदय प्रताप सिंह भी गाडरवारा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. उन्होंने भी अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को सौंप दिया है. ऐसे में बीजेपी उन्हें भी अब राज्य में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है. 


इनके अलावा छत्तीसगढ़ से आने वाले अरुण साव, गोमती साय ने भी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर लोकसभा की संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी इनमें से किसी एक को राज्य की कमान सौंप सकती है.