Scindia Next CM Of MP? देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए. इसमें से 3 राज्यों में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराया, जबकि मध्य प्रदेश में न सिर्फ सरकार बचाई बल्की सीटों में भारी इजाफा किया. भारी बहुमत के बाद अब मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर भाजपा शिवराज सिंह चौहान को अगर रिपीट नहीं करती तो अब सीएम कौन होगा.


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रेस में शामिल है सिंधिया का नाम
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़ में कई चेहरे शामिल हैं. इसमें से कुछ पुराने तो कुछ नए लोगों के नाम शामिल हैं. जिसमें वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह के साथ-साथ कांग्रेस से बीजेपी में आकर 2020 में सरकार बनवाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम शामिल है. आइये जानते हैं सिंधिया का नाम किस आधार पर लिस्ट में है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने और न बनाने के पीछे क्या-क्या कारण हो सकते हैं.


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क्यों बनाए जा सकते हैं मुख्यमंत्री?
- साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी शामिल होकर सरकार की वापसी कराई 
- सिंधिया के पास राजनीति का लंबा अनुभव है. वो केंद्रीय मंत्री भी हैं.
- ज्योतिरादित्य का ग्वालियर चंबल के अलावा प्रदेश के युवाओं में अच्छा खास प्रभाव है. 
- भाजपा में आने के बाद सिंधिया ने अपने महराज वाली छवी में बहुत बदलाव किया है.
- सिंधिया OBC वर्ग से आते हैं. अगला मुख्यमंत्री ओबीसी चेहरा हो सकता है.


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ये बातें बन सकती हैं वीक प्लाइंट
- सिंधिया ग्वालियर-चंबल संभाग में उम्मीद के मुताबिक बढ़त नहीं दिला पाए, हालांकि एक सीट का इजाफा हुआ. 
- सिंधिया के पास वर्तमान में 11 विधायक हैं. इनमें से कई वे हैं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. 
- सिंधिया का पुराना कांग्रेसी होना CM बनने में एक अटकल है. 
- सिंधिया के नाम पर पुराने भाजपाईयों में गुटबाजी बढ़ने की आशंका


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सिंधिया खुद कर चुके हैं इंकार
चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान कई मौकों पर सिंधिया मुख्यमंत्री पद की रेस में अपना नाम शामिल होने पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए हैं. चुनाव प्रचार के दौरान कई बार उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था, "मैं जनता का सेवक हूं, सेवा करना मेरा काम है. हम सभी सबसे पहले और आखिरी में में पार्टी के कार्यकर्ता हैं. मेरा नाम सीएम पद की रेस में कहीं से शामिल नहीं है. पार्टी जो आदेश देती है हम सब उसका पालन करते हैं."


BJP का पहले से है ऐसा रिकॉर्ड
भारतीय जनता पार्ट इससे पहले भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी ने आए नेताओं को सीधे मुख्यमंत्री बना चुकी है और उसके प्रयोग सही भी साबित हुए हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा का नाम है. इसके साथ ही मणिपुर के सीएम माणिक शाह का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. जिन्हें बीजेपी ने कांग्रेस छोड़ पार्टी में आते ही मुख्यमत्री की कुर्सी पर बैठा दिया. इस कारण भी सिंधिया का दबदबा लिस्ट में माना जा रहा है.


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3 राज्यों में हो रहा विचार
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी ने बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. सीएम फेस को लेकर चर्चाएं शुरू हैं और दिल्ली में भी आला कमान की बैठकें चल रही हैं. एमपी बीजेपी ने 163 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल की है. वहीं कांग्रेस 66 सीटों में सिमट गई है. अब यहां भी अगले मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. बीजेपी के बड़े नेताओं में कौन सा नाम केंद्र को पसंद आता है या कोई नया चेहरा की प्रदेश में लॉन्च किया जाता है. खैर ये दो देखने वाली बात होगी.