Rewa Vidhan Sabha chunav Result 2023: रीवा विधानसभा की बात करें तो यहां पिछले चार चुनावों से कांग्रेस को जीत का इंतजार था. पिछले 4 लगातार जीत के बाद भाजपा ने पांचवी बार राजेंद्र शुक्ला को प्रत्याशी बनाया था. जिन्होंने 21339 वोटों से बड़ी जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस ने अभय मिश्रा का टिकट काटकर राजेंद्र शर्मा को मैदान में उतरा था. जो कि गलत साबित हुआ.


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प्रदेश में अहम हैं रीवा


रीवा प्रदेश की सियासत में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, यही कारण है कि शिवराज सरकार ने हाल में ही चुनाव के 2 महीना पहले रीवा से विधायक रहे राजेंद्र सिंह को मंत्री बनाया. राजेंद्र शुक्ला 1998 में पुष्पराज सिंह से हारने के बाद 2003 से लगातार 4 बार से जीतते आ रहे हैं. 


रीवा राजघराने का भी रहा दबदबा 


राजेंद्र सिंह  के पहले पुष्पराज सिंह 3 बार यहां से विधायक रहे. वो 1990 और 1993 में कांग्रेस से चुनाव लड़े और जीतें. लेकिन 1998 में उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरकर जीत हासिल की थी. हालांकि अब रीवा में राजेंद्र शुक्ला का दबदबा रहता है. लेकिन निकाय चुनाव में महापौर के चुनाव में रीवा में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. जिससे कांग्रेस भी यहां पूरा दम लगाती नजर आ आई है. 


विंध्य प्रदेश की राजधानी रहा है रीवा


रीवा शहर के इतिहास की तो यह संगीत सम्राट तानसेन और बीरबल की जन्मस्थली रही है. यह बघेल वंश के शासकों के साथ-साथ विंध्य प्रदेश की भी राजधानी रही है. देश का पहला सफेद बाघ यही मिलने के कारण इसे सफेद शेरों की धरती भी कहा जाता है. रीवा जिले से सियासत में बड़े-बड़े नेता निकले हैं. ऐसे में रीवा के चुनावी नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हैं.