Bhopal Raid Case Trishul Construction:  भोपाल के चर्चित रेड मामले में IT सहित कई जांच एजेंसियां लगातार जांच में लगी है. रोजाना नए नए खुलासा हो रहे हैं. अब सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि त्रिशूल कंस्ट्रक्शन और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस का कनेक्शन आया सामने आया है. इसके साथ ही आईटी ने छत्तीसगढ़ के व्यापारी महेंद्र गोयनका और राजेश शर्मा के व्यावसायिक संबंधों का भी खुलासा किया है. बता दें मध्य प्रदेश में कई बड़े प्रशासनिक अफसरों से महेंद्र गोयनका के संबंध की बात कही जा रही है. 


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काले धन का कनेक्शन कहां कहां? 
IT को मिले दस्तावोजों से ये कहा जा सकता है कि बड़े अधिकारी और नेताओं को करोड़ों की रिश्वत भी दी गई है. महेंद्र गोयनका की शैल कंपनियों में पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेंस के काले धन को राजेश शर्मा ने इनवेस्ट किया था. काले धन के पैसे से भोपाल के ग्राम चंदनपुर में जमीनों में निवेश किया गया था. ये सारी जानकारियां इनकम टैक्स की जांच में मिले दस्तावेजों के आधार पर मिली है. 


कई कुबेरों के नाम पाए गए
भोपाल में सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट को लेकर आईटी ने एक साथ कई जगहों पर छापा मारा, तो काले धन के कई कुबेरों का पता चला. रेड के बाद से ही इनमें से एक त्रिशूल कंस्ट्रक्शन का मालिक राजेश शर्मा भी है, जो उसी समय से गायब है. दावा किया जा रहा है कि पिछले 2 सालों में राजेश शर्मा ने दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की कर ली. राजेश को 15 से ज्यादा बड़े टेंडर मिले. कैसे और किसने मदद की, इसी की जांच जारी है. शर्मा पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का करीबी बताया जाता है. 


क्या है पूरा मामला
पूरे मामले पर नजर डालेंगे तो त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा के कुछ रिटायर्ड IAS अधिकारियों और व्यापारियों संबंध हैं. कई जांच एजेंसियां इसमें सबूत जुटा रही है. IT ही नहीं लोकायुक्त की टीम भी सौरभ शर्मा, राजेश शर्मा की बेनाम खजाने की जांच कर रही है. भोपाल में लावारिस कार में मिला सोने और कैश का मालिक चेतन गौर भी राजेश शर्मा का करीबी है, ऐसे दावे हैं.