भोपाल में आरटीओ का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि सौरभ शर्मा के ठिकानों पर हुई छापामार कार्रवाई में लोकायुक्त और इनकम टेक्स की टीम को अब तक 7.98 करोड़ रुपए सामान मिल चुका है, इसके अलावा मेंडोरा के जंगल में लावारिस कार में 2 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नगद मिला था, वह कार भी सौरभ शर्मा के साझेदार की है. ऐसे में लोकायुक्त और इनकम टेक्स विभाग लगातार इस मामले में कार्रवाई कर रहा है. इस बीच सौरभ और उसकी पत्नी दिव्या के दुबई में होने की जानकारी सामने आ रही है. माना जा रहा है कि भारतीय दूतावास की मदद से सौरभ शर्मा को वापस लाने की कवायद हो सकती है. 


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भोपाल के शाहपुरा में बन रहा था स्कूल 


सौरभ शर्मा एक स्कूल का निर्माण भी करवा रहा था, जो भोपाल के शाहपुरा में बन रहा था. चेतन सिंह गौर जिसकी कार से करोंड़ो का सोना और नगदी मिली है वह इस स्कूल में सचिव के पद पर था, जो उसका सबसे खास माना जा रहा है. वहीं सौरभ ने स्कूल में अपने परिवार के लोगों को शामिल किया था, उसकी मां उमा शर्मा इस स्कूल की समिति प्रमुख थी, जबकि पत्नी दिव्या भी समिति में शामिल थी. वह जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी खोल रहा था. सौरभ अपनी काली कमाई इस स्कूल के निर्माण में लगवा रहा था. सौरभ शर्मा के ठिकानों से अब तक कुल 235 किलो चांदी और 8 करोड़ के नकदी और आभूषण मिले हैं. 


दुबई से वापस भोपाल लाने की कवायद 


सौरभ शर्मा की उसकी पत्नी के साथ दुबई में होने की जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग दुबई से भारतीय दूतावास की मदद से सौरभ को वापस भारत लाने की तैयारी में है. सौरभ को लोकायुक्त की तरफ से समन पेश किया जा सकता है, उसे लुकआउट सर्कुलर नोटिस भी जारी हो सकता है. सौरभ शर्मा के पास लोकायुक्त की रेड में अकूत संपत्ति मिली है. ऐसे में उससे पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. इसलिए आयकर विभाग उसे जल्द ही भारत वापस लाने की तैयारी कर सकता है. 


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एनजीओ की जमीन पर बन रहा था स्कूल 


दरअसल, सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि सौरभ जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी के मामले में मुंबई गया है, लेकिन खोजबीन करने पर पाया गया कि वह दुबई में है. वहीं लोकायुक्त ने अरेरा कॉलोनी के जिस दफ्तर में छापा मारा था उस दफ्तर में भी जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी का एक बोर्ड मिला था, क्योंकि सौरभ यही स्कूल खोलने वाला था. खास बात यह है कि इसी ऑफिस में जमीन के नीचे  2.35 क्विंटल चांदी की सिल्लियां दबी हुई थी, जिसे लोकायुक्त ने निकाला है. जबकि स्कूल का निर्माण जिस जमीन पर किया जा रहा है, वह जमीन एनजीओ की बताई जा रही है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि उसे एनजीओ की जमीन मिली कैसे. स्कूल की बिल्डिंग से लेकर सेटअप तक में 10 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. बताया जा रहा है कि सौरभ 2025 से स्कूल शुरू करने की तैयारी में था. 


सौरभ के घर से मिला इतना सामान 


  • तीन अलमारियों से 100 से ज्यादा फाइलें. 

  • लाखों रुपए की कीमत की हीरे की अंगूठी. 

  • 15 लाख की कीमत का लेडीज पर्स 

  • ढाई-ढाई लाख नगद की नोटो की गड्डियां 

  • आरटीओं की रसीद के कट्टे 

  • 74 एलईडी टीवी 

  • 1 कार समेत 2.21 करोड़ रुपए का सामान 

  • सोने और हीरे के रीब 50 लाख रुपए के जेवर 

  • नगद पैसा 1.15 करोड़ रुपए 

  • कुल बरामदगी घर से 3.86 करोड़ रुपए की हुई है. 

  • सौरभ के ठिकानों से अब तक 7.98 करोड़ रुपए का सामान मिला है. 


सौरभ शर्मा को मिली थी पिता की नौकरी 


सौरभ शर्मा के पिता की जगह पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसके पिता स्वास्थ्य विभाग में थे, लेकिन उसे परिवहन विभाग में नौकरी मिली थी. जहां सात साल नौकरी करने के बाद सौरभ ने वीआरएस ले लिया था. इसके बाद वह रियल एस्टेट कारोबार में उतर गया था. बताया जा रहा है कि सौरभ के संबंध प्रदेश के कई रसूखदार व्यक्तियों से हैं, जबकि चेतन सिंह गौर उसका सबसे करीबी बताया गया है. सौरभ के मामले में आने वाले समय में लोकायुक्त बड़े खुलासे कर सकती है. 


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