Ban On Stubble Burning In Bhopal: मध्य प्रदेश में पराली जलाने के की घटनाएं पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा देखने को मिल रही है. राजधानी भोपाल के आस-पास के इलाकों लगातार जलाए जा रहे पराली से हवा प्रदुषित हो गई है. राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सख्त हो गए हैं. उन्होंने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत पराली जलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. 


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दरअसल, गुरुवार देर रात कलेक्टर  कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पराली जलाने को लेकर आदेश जारी किया है. उन्होंने इस आदेश के तहत  2 महीने के लिए पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. अगर कोई इसका उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ संबंधित थाने में  एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने  एसडीएम को पराली जलाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. पराली जलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. 


दो महीने लागू रहेगा आदेश
भोपाल कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, यह निर्देश  भोपाल जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में प्रभावशील होगा. उक्त आदेश जारी होने की दिनांक से आगामी दो माह की अवधि तक के लिये तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा. कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि-
खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जनसंपत्ति एवं प्राकृतिक वनस्पति, जीव-जन्तु नष्ट हो जाते हैं. जिससे नुकसान होता है.
खेत की मिट्‌टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है. जिससे उत्पादन प्रभावित होता है.
खेत में पड़ा कचरा, भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं. इन्हें जलाकर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है. आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है. जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
जिले में कई किसान रोटावेटर एवं अन्य साधनों से डंठल खेत से हटा रहे हैं. यह सुविधा जिले में उपलब्ध हो गई है.



पंजाब से भी आगे एमपी
गौरतलब है की धान की कटाई के साथ ही प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रहीं हैं. आलम यह है कि मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले पंजाब से भी अधिक हो गए हैं.  CREAMS के आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर से 20 नवंबर के बीच राज्य में पराली जलाने की 12,639 घटनाएं हुई हैं, जो पिछले साल इस अवधि के दौरान  10,959 घटनाएं हुई थी. पराली जलाने से कई शहरों की हवा खराब हो गई है. इसलिए सरकार की तरफ से बार-बार किसानों को जागरुक किया जा रहा है. इसके बावजूद किसान किसी की नहीं सुन रहे हैं, जिसके चलते आए दिन पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही है. इसे देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने सख्त रुख अपनाया है. 


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