MP के विकास में नया आयाम देगी यह बड़ी योजना, CM शिवराज ने कहा-युद्ध स्तर पूरा होगा निर्माण कार्य
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के लगभग 17 जिलों से निकलने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे और ग्वालियर-चंबल संभाग में विकसित होने वाले अटल प्रोग्रेस-वे के कार्य को युद्ध स्तर पर पूर्ण करने के निर्देश दे दिया है.
प्रमोद शर्मा/भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के लगभग 17 जिलों से निकलने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे और ग्वालियर-चंबल संभाग में विकसित होने वाले अटल प्रोग्रेस-वे के कार्य को युद्ध स्तर पर पूर्ण करने के निर्देश दे दिया है. ये निर्माण कार्य प्रदेश के औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर के लिए बड़ा मौका है. यह परियोजनाएं प्रदेश की प्रगति को नए आयाम देंगी.
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में नर्मदा एक्सप्रेस-वे और अटल प्रोगेस-वे की समीक्षा बैठक को संबोधित कर आदेश दिए थे. बैठक में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भी वर्चुअली सम्मिलित थे.
अधिक से अधिक शासकीय भूमि का उपयोग हो-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों ही परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को तेजी से पूर्ण किया जाए. प्रयास यह हो कि परियोजना निर्माण में अधिक से अधिक शासकीय भूमि का उपयोग हो. निजी भूमि अधिग्रहण में भूमि के बदले भूमि देने के विकल्प पर प्राथमिकता से कार्य करें. अटल प्रोगेस-वे के निर्माण में घड़ियाल अभयारण्य को सुरक्षित रखा जाए. सीएम ने कहा कि दोनों परियोजनाएं शीघ्र पूर्ण करने के लिए भारत सरकार के स्तर पर वे संबंधित मंत्रियों से संवाद करेंगे.
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उत्तर भारत में बन रही परिस्थितियों के कारण ग्वालियर-चंबल का औद्योगिक पोटेंशियल बढ़ रहा है
अटल प्रोग्रेस-वे भिंड, मुरैना तथा श्योपुर जिले से गुजरेगा. यह क्षेत्र दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस- वे, ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर, आगरा-कानपुर हाइवे के मध्य स्थित है. इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह क्षेत्र उत्कृष्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है.दिल्ली तथा आसपास के राज्यों में बन रही परिस्थितियों के परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र का औद्योगिक पोटेंशियल बढ़ रहा है. भिंड में लॉजिस्टिक हब, मुरैना में मल्टी प्रोडेक्ट औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने और श्योपुर में कृषि आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की योजना है.
6 हजार 742 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा अटल प्रोग्रेस-वे
अटल प्रोग्रेस-वे की अनुमानित लागत 6 हजार 742 करोड़ रुपये है. कुल 312 किलोमीटर लम्बा यह मार्ग श्योपुर, भिंड और मुरैना के 153 गांव से गुजरेगा. इस परियोजना के लिए 3 हजार 55 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है. परियोजना के अंतर्गत 7 पुल और दो आर.ओ.बी. का निर्माण प्रस्तावित हैं.
नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश की हॉरिजॉन्टल इंडस्ट्रियल बेकबोन सिद्ध होगा
नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश को पूर्वी सीमा में एन एच-45 ई बिलासपुर-रायपुर-विशाखापट्नम मार्ग और पश्चिम में गुजरात को जोड़ेगा. लगभग एक हजार किलोमीटर लंबाई के इस मार्ग के निर्माण पर 2 हजार 696 करोड़ रूपये की लागत अनुमानित है. नर्मदा एक्सप्रेस-वे पूर्वी मध्यप्रदेश को औद्योगिक रूप से उन्नत पश्चिमी मध्यप्रदेश से जोड़कर औद्योकीकरण के नए अवसर पैदा करेगा. यह प्रदेश की हॉरिजॉन्टल इंडस्ट्रियल बेकबोन सिद्ध होगा. प्रदेश के वर्तमान औद्योगिक इकोसिस्टम का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा इसी बेल्ट में स्थित है.
नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के विभिन्न जिलों के जिला मार्गों, राज्य मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों के समावेश से विकसित किया जा रहा है. नर्मदा एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में इटारसी और कीरतपुर को लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस के हब के रूप में विकसित करने की योजना है. मोहासा-बाबई में फार्मा और मल्टी प्रोडक्ट पर केन्द्रित विश्व-स्तरीय पार्क विकसित करने का कार्य जारी है.
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