उच्च शिक्षा विभाग ने किया बड़ा बदलाव, अब कॉपियों का होगा डिजिटल मूल्यांकन; इतने दिन में आएंगे रिजल्ट
Higher Education Department MP: राज्य विश्वविद्यालयों में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन डिजिटल कराने की कवायद तेज हो गई है. इस साल इस प्रकिया की शुरुआत भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से की जाएगी.
Higher Education Department MP: राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा और उसका परिणाम जारी होने में हो रही देरी को रोकने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव किया है. उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं की डिजिटल मूल्यांकन कराने की योजना बनाई है. बताया जा रहा है कि इस प्रकिया के शुरू होने से मूल्यांकन का काम 15 दिन में ही पूरा हो जाएगा. जिसके बाद समय से परीक्षा परिणाम जारी किए जा सकेंगे.
दरअसल, मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से यह कवायद परीक्षा परिणामों को समय से जारी करने के लिए की गई है. विभाग ने डिजिटल मूल्यांकन का प्रयोग पिछले सत्र में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक छोटी परीक्षा के दौरान किया था. प्रयोग सफल होने के बाद विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया है.
इस साल कॉपियों के डिजिटल मूल्यांकन के प्रक्रिया की शुरुआत भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से की जाएगी. इस प्रकिया के तहत यहां करीब तीन हजार विद्यार्थियों की कापी जांची जाएगी. अगले सत्र में संबद्ध महाविद्यालयों की कॉपियों का मूल्यांकन भी डिजिटल किया जाएगा.
20 दिन में आएंगे परिणाम
अगले सत्र तक मध्य प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों को भी यह प्रणाली विकसित कर लेनी है. बता दें कि एमपी में आठ राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध 1323 महाविद्यालयों में करीब 14 लाख विद्यार्थी हर साल परीक्षाओं में बैठते हैं. कॉपियों के मूल्यांकन में करीब दो से तीन महीने का समय लगता है. लेकिन डिजिटिल मूल्यांकन की प्रकिया शुरू होने के बाद मूल्यांकन का काम 15 दिन में ही पूरा हो जाएगा और 20 दिनों के भीतर नतीजे जारी किए जा सकते हैं.
जानिए कैसे होगा डिजिटल मूल्यांकन?
डिजिटल मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत सभी परीक्षा केंद्रों से कॉपियां निर्धारित केंद्र पर जमा होंगी. यहां से कॉपियों को स्कैन कर एक साफ्टवेयर पर अपलोड किया जाएगा. परीक्षकों को इस साफ्टवेयर पर पंजीकृत किया जाएगा और लागइन, पासवर्ड जारी किया जाएगा. जिससे परीक्षक कॉपियों को खोल सकेंगे. सबसे खास बात यह है कि इस सिस्टम में परीक्षक को यह जानकारी नहीं मिलेगी कि उत्तरपुस्तिका किस जिले, किस कालेज या किस परीक्षार्थी की है. डिजिटल मूल्यांकन के साथ ही पत्रक पर अंक भी चढ़ा दिए जाएंगे.
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