मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र का तीसरा दिन, कांग्रेस विधायक शराब की बोतल गले में लटकाकर पहुंचे
मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र का आज तीसरा दिन है. कांग्रेस लगातार हंगामा मचाए हुई है. मंगलवार को कांग्रेस हाथ में कटोरा लिए घूम रही थी और कह रही थी बीजेपी की सरकार ने राज्य को कर्ज में डूबा दिया है. सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति साफ करे.
MP Vidhansabha Winter Session 2024: मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र का आज तीसरा दिन है. कांग्रेस लगातार हंगामा मचाए हुई है. मंगलवार को कांग्रेस हाथ में कटोरा लिए घूम रही थी और कह रही थी बीजेपी की सरकार ने राज्य को कर्ज में डूबा दिया है. सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति साफ करे. आज कांग्रेस फिर नए तरीके से विराध करते दिखी. पहले तो चाय की केतली लेकर विधानसभा पहुंची. मीडिया का ध्यान तब आकर्षित हुआ, जब कांग्रेस विधायक शराब की बोतल गले में लटका कर पहुंच गए.
कांग्रेस चाय की केटली लेकर विधानसभा पहुंची. लॉजिक ये है कि बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में हम चाय की केटली को लेकर आए हैं. इतना तो ठीक था, इसके बाद कांग्रेस विधायक शराब की बोतल गले में टांगकर विधानसभा पहुंचे. कांग्रेस का कहना है प्रदेश में करोड़ों रुपए का शराब घोटाला हुआ, लेकिन जांच नहीं हो रही.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसी को लेकर एक्स पर पोस्ट डाला, जिसमें लिखा.. निकम्मी 'मौन सरकार' नहीं चाहती कि युवाओं को रोजगार मिले और उन्हें चाय बेचने पर मजबूर कर रही है. कांग्रेस हमेशा युवाओं के साथ खड़ी रही है और उनके पक्ष में आवाज उठाती है. हम युवाओं को उनका हक दिलाकर रहेंगे!!
एक और पोस्ट में लिखा मध्यप्रदेश सरकार युवाओं के हाथ में रोजगार छोड़, चाय की केतली पकड़ा रही है. सरकार ने 2 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन प्रदेश का युवा आज भेड़-बकरी चराने, चाय बेचने और पकौड़े तलने जैसे कामों के लिए छोड़ दिया गया है. क्या यही है इस सरकार का युवाओं के लिए भविष्य?
जब कटोरा लिए भीख मांगने लगे
एक दन पहले यानि मंगलवार को कांग्रेस हाथ में कटोरा लिए भीख मांगने का प्रपंच कर रही थी. कांग्रेस पार्टी की मांग थी कि कर्ज पर मध्य प्रदेश की मोहन सरकार जानकारी सार्वजनिक करे और जनता को सभी आंकड़े बताए. आरोप था कि कर्ज के मुद्दे पर सरकार चर्चा से बच रही है. प्रदेश बैंक करप्ट की कगार पर है. प्रदेश को बचाने के लिए कांग्रेस कटोरा लेकर भीख मांग रही है. नेता प्रतिपक्ष ने ये भी दावा किया कि मध्य प्रदेश में हर एक व्यक्ति पर 52 हजार का कर्ज है. इस समय तक की बात करें तो 3 लाख 85 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज एमपी पर है.