कोरोना का असर: एक साल से अंगदान बंद, किडनी और लिवर के मरीजों को नहीं मिल रहे डोनर
इसके अलावा बीमारी और सड़क हादसे के कारण आंख की रोशनी खो चुके 20 मरीज पिछले एक साल से कार्निया ट्रांसप्लांट कराकर जीवन के अंधेरे को खत्म करने की बाट जोह रहे हैं.
भोपाल: बढ़ते कोरोना संक्रमण ने विकराल रूप धारण कर लिया है. जिसकी वजह से हर दिन हजारों की संख्या में लोग मर रहे हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से ट्रांसप्लांट सर्जरी को भी पूरी तरह से बंद किया गया है. क्योंकि पिछले एक साल से अंगदान नहीं हो रहे हैं. यही कारण है कि भोपाल में किडनी और लीवर रोग से परेशान 100 से ज्यादा मरीज जिंदगी की जंग जीतने के लिए ट्रांसप्लांट ऑपरेशन का इंतजार कर रहे हैं.
इसके अलावा बीमारी और सड़क हादसे के कारण आंख की रोशनी खो चुके 20 मरीज पिछले एक साल से कार्निया ट्रांसप्लांट कराकर जीवन के अंधेरे को खत्म करने की बाट जोह रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंसल हॉस्पिटल में 70 और सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल में 30 किडनी और 8 मरीज लिवर ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं.
9 महीने से 70 लोगों को नहीं मिले किडनी के डोनर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंसल हॉस्पिटल में सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच 35 मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई, क्योंकि इनके परिजन डोनर थे, जबकि 70 अभी वेटिंग में हैं, क्योंकि इनके पास डोनर नहीं हैं. इन मरीजों को ब्रेन डेड मरीज के परिजनों द्वारा दान की गई किडनी, ट्रांसप्लांट की जाना है. ठीक इसी तरह लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 38 मरीज सिद्यांता रेडक्रास हॉस्पिटल में इंतजार कर रहे हैं.
नेत्रदान बंद होने से 20 मरीजों की जिंदगी में छाया अंधेरा
बैरागढ़ स्थित सेवा सदन आई हॉस्पिटल की आई बैंक रजिस्ट्री मुताबिक भोपाल में आंखों की रोशनी खो चुके 20 मरीज जिंदगी में रोशनी के लिए इंतजार कर रहे हैं. इनका कॉर्निया ट्रांसप्लांट ऑपरेशन होना है, लेकिन कोरोना के चलते नेत्रदान नहीं होने से इनका इंतजार खत्म नहीं हो रहा है.
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