भोपाल: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कांग्रेस मध्य प्रदेश की राजधानी में बुधवार को शांति मार्च करने जा रही है. विपक्षी भाजपा ने इस पर सवाल उठाए हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मार्च को अशांति फैलाने वाला बताया. भार्गव ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री कमल नाथ का शांति मार्च प्रदेश में अशांति फैलाने के लिए है. नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता देने का प्रावधान है, लेने का नहीं, लेकिन कांग्रेस इसे दुष्प्रचारित कर रही है.


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नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा, "भारत एक संप्रभुता संपन्न देश है. इसकी हजारों साल पुरानी संस्कृति लोगों को शरण देने की रही है. हमने 1959 में बौद्ध गुरु दलाई लामा को शरण दी. भले ही हमें चीन से लड़ना पड़ा हो. इसी तरह बांग्ला देश की मुक्ति सेना के नायक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को शरण दी और समर्थन दिया भले ही पाक से युद्ध करना पड़ा. हमारी ऐसी उदार संस्कृति की रक्षा करने के लिए बने कानून का कांग्रेस नेताओं द्वारा विरोध किया जाना हास्यास्पद है."


भार्गव ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री कमल नाथ गांधी जी की इच्छाओं को पूरा करने का समर्थन नहीं करते हैं? क्या वह गांधी जी की इच्छाओं के विरुद्ध यह मार्च निकाल रहे हैं?


उन्होंने कहा, "दुखी शोषित और पीड़ितों को शरण देने की हमारी संस्कृति रही है. कमल नाथ को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने से पहले भारतीय संस्कृति को समझने और उसका अध्ययन करने की जरूरत है."


नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को शांति मार्च निकालना ही है, तो उन्हें 1984 में रकाबगंज में हुए उन निर्दोष सिख लोगों के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मार्च निकालना चाहिए.