रायपुरः छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के 6 महीने बाद आज से मुख्यमंत्री जन चौपाल की शुरुआत हुई. ताकि प्रदेश के लोग अपनी समस्या को सीएम से मिलकर निराकरण करा सके लेकिन बिडंबना ये रही है कि पहले दिन ही जन चौपाल में लोगों का परेशानी का सामना करना पड़ा परेशानी ही नहीं लोगों के आत्मसम्मान का खुला मजाक बनाया गया. दरअसल छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल के लोग गमछा पहनते है जिसे सम्मान का प्रतीक माना जाता है लेकिन सुरक्षा के नाम पर सीएम आवास के बाहर सुरक्षा के नाम पर लोगों के गमछे उतरवा दिये गये. जिससे लोगों में नाराजगी देखने को मिली.


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लोगों का कहना था कि भूपेष बघेल छत्तीसगढिया मुख्यमंत्री है और  वे खुद गमछा पहनते है छत्तीसगढ़िया के सम्मान का प्रतीक है गमछा लेकिन उसे उतरवा दिये जाने से उन्हें दुख हुआ है. उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी. 



गमछा उतरावाने से नाराज छत्तीसगढी कवि मीर अली मीर भी जन चौपाल में सीएम से मिले बगैर चले गये. मीर अली मीर ने कहा कि गमछा उतरवाना आत्मसम्मान को ठेस है अव्यवस्था की वजह से वे जन चौपाल मे सीएम से बगैर मिले जा रहे है उन्होंने कहा कि वे देखने आये थे कि एक छत्तीसगढी मुख्यमंत्री जन चौपाल में किस तरह व्यवहार करते है उसे देखने आए थे लेकिन उन्हें अव्यवस्था से नराजगी हुई.



गमछा उतरवाये जाने की खबर को जी मीडिया में दिखाये जाने के बाद सीएम भूपेष बघेल ने अधिकारियों से नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देशित किया कि छत्तीसगढ की अस्मिता का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम की नाराजगी के बाद अधिकारियों ने लोगों को गमछे के साथ जन चौपाल में जाने की अनुमति दे दी.



गौरतलब बात ये भी रही की जन चौपाल में बैठे मंत्री रविंद्र चौबे भी गमछा पहने हुए नजर आए गमछा उतरवाये जाने की घटना को भाजपा ने प्रदेश का अपमान बताया, भाजपा सरकार के ऐसे निर्णय की निंदा करती है अगर लोगों के आत्मसम्मान से सरकार खिलवाड़ करेगी तो भाजपा पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी.