रायपुरः छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य के नागरिकों को स्वेदेशी कोरोना वैक्सीन लगाने से साफ इनकार कर दिया है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा है कि उनके राज्य में भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन की खेप न भेजी जाए. क्योंकि इस कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से राज्य में भेजी गई कोवैक्सीन की करीब 1.75 लाख डोज वैसे ही रखी हुई है. यदि कोवैक्सीन का मई तक इस्तेमाल नहीं हुआ तो यह खराब हो जाएगी. 


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 भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दे चुका है DCGA
आपको बता दें कि जनवरी के पहले हफ्ते में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) ने भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दिया था. कई राज्यों में लाखों लोगों को कोवैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है और इसका कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. टीएस सिंह देव ने अपने पत्र में डॉ. हर्षवर्धन को जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ में अब तक 67% फ्रंट लाइन वर्कर्स को ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड की खुराक दी जा चुकी है.


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तीसरे चरण के ट्रायल के बाद ही भेजें कोवैक्सीन की डोजः टीएस सिंह देव
टीएस सिंह देव ने डॉ. हर्षवर्धन को लिखा है, ''हमने कोवैक्सीन की 186880 डोज प्राप्त की है. मैंने पहले ही कोवैक्सीन के उपयोग के संबंध में समुदाय के बीच चिंताओं को आपके साथ साझा किया है. हम कोवैक्सीन खुराक के साथ अपने लाभार्थियों का टीकाकरण करने से अधिक खुश होंगे, तीसरे चरण के परीक्षणों का परिणाम पूरा हो जाएगा और इसको साझा किया जाएगा. तब तक के लिए कोवैक्सीन न भेजें. क्योंकि टीके आमतौर पर आपातकालीन परीक्षण के तहत उपयोग करने योग्य नहीं होंगे. निर्णय पर पुनर्विचार करें ताकि वैक्सीन खुराक बर्बाद न हो.''



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