रायपुर: छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा जहां सरकार गोबर खरीदी का काम करेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया है कि हरेली त्योहार से छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदने के लिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत की जाएगी.


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इस योजना को अमल में लाने के लिए सरकार ने 5 मंत्रियों की समिति और अधिकारियों की एक अन्य समिती बनाई है. मंत्रिमंडल की समिति गोबर खरीदने की दर तय करेगी, जबकि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति गोबर से बनी खाद खरीदने की व्यवस्था करेगी.


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सीएम भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि छत्तीसगढ़ में गौठानों की संख्या 2200 हो गई है, जबकि 28 सौ गौठान निर्माणाधीन है. छत्तीसगढ़ में कुल गौठानों की संख्या 5 हजार हो जाएगी. बहुत से गौठानों में शेड निर्माण हो रहा है. कई में वर्मी कम्पोस्ट पीट तैयार किया जा रहा है. साथ ही गौठानों में वृक्षारोपण का काम भी चल रहा है.


सीएम ने कहा कि खुले में मवेशी चराने की परंपरा नुकसानदायक है. जब तक गौ पालन फायदेमंद नहीं होगा तब तक समस्या बनी रहेगी. अब गौ पालन अनार्थिक हो चुका है. मुख्यमंत्री ने बताया कि कई राज्यों में मवेशीयों की वजह से लोगों की हत्याएं भी हुई हैं. इससे बचने के लिए गौ पालन को फायदेमंद बनाने की शुरुआत हो रही है. गौ पालन को फायदे का सौदा बनाने के लिए गोबर के खरीदी की व्यवस्था करनी होगी.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ सरकार पहली सरकार है जो गोबर का प्रबंधन करने जा रही है. हर गांव में गोठान समिति बनाई गई है. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से घर के और गौठान के गोबर तौलकर खरीदा जाएगा. उससे बनने वाले वर्मी कम्पोस्ट को सहकारी समीतियां सोसायटी के माध्यम से खरीदेंगी.


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