कोंडागांव(संवाददाता: चमेंश जोशी) : ग्रामीणों की समस्याएं जानने और उनसे करीबी बढ़ाने के लिए आई.टी.बी.पी के जवान पिछले 6 महीने से स्थानीय भाषा हल्बी और गोडीं सिख रहे हैं और बदले में अंग्रेजी और गणित ग्रामीणों को पढ़ा रहे हैं. आई.टी.बी.पी के जवान कोण्डागांव जिले के अंतिम छोर हड़ेली के जंगलों में रह कर आदिवासी छात्र-छात्राओं को स्कूल में जाकर अंग्रेजी गणित-विज्ञान पढ़ा रहे हैं और आई.टी.बी.पी के जवान इसके बदले में उनसे उनकी भाषा गोंडी और हल्बी सिख रहे हैं।


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जवानों का कहना है की बंदूक हाथ में लेकर ग्रामीणों के नजदीक नहीं जाया जा सकता है. इनके करीब हम तभी आ सकते है जब इनकी बोली को हम समझे इनसे हम उनकी भाषा में बात करें उनके सुख दुख की बाते करें.


इस पहल के अच्छे परिणाम भी मिलने लगे हैं। ये जवान अब ग्रामीणों की ही बोली का प्रयोग कर रहें जो ग्रामिण जवानों को देख कर पहले घरों में छिप जाया करते थे अब वे उन्ही जवानों से खुलकर अपनी समस्याएं और जरुरतों पर बात कर रहे हैं. 


गांव के एक युवक को शिक्षक बनया गया है जो प्रतिदिन कैंप में आकर जवानो को हल्बी व गोडीं का ज्ञान देता है. ग्रामीणों का कहना है की जवानों का यंहा केम्प लगना ही हमारे लिए बडी बात है इनके आने से हमे शांती मिली है साथ ही जवान हमारे बच्चों स्कुल में आकर ज्ञान देते है.