जशपुर: पत्थलगड़ी विवाद को लेकर जशपुर जिले में सर्व आदिवासी समाज के सामने अब सर्व आदिवासी सनातन समाज खड़ा हो गया है. सर्व आदिवासी सनातन समाज ने पत्थलगड़ी का विरोध किया और धर्मांतरित ईसाईयों का आरक्षण खत्म करने की मांग की. वहीं आदिवासियों के नाम पर दो आदिवासी संगठनों के एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होने से जिले में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की संभावना बढ़ गई है. हालांकि इसे रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस अलर्ट है.


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दरअसल, 22 अप्रैल को बछरांव में पत्थलगड़ी का उद्घाटन और 28 अप्रैल को निर्माणाधीन पत्थलगड़ी को तोड़ने की दो घटनाओं ने जशपुर समेत पूरे सरगुजा संभाग में हड़कंप मचा दिया था. सर्व आदिवासी समाज के अम्बिकापुर सम्मेलन में 28 अप्रैल की घटना को लेकर आक्रोश जताते हुए नेताओं ने केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय और भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह का पुतला फूंकने की घोषणा की है. इसके विरोध में पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले आदिवासी समुदाय ने सर्व आदिवासी सनातन समाज नाम का संगठन तैयार किया है. जशपुर रेस्ट हाउस में मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में संगठन के मुखिया बीजेपी विधायक कुनकुरी रोहित साय, राज्य महिला आयोग की सदस्या रायमुनि भगत, जशपुर से बीजेपी विधायक राजशरण भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष गोमती साय समेत कई आदिवासी नेता शामिल हुए. 


प्रेस कांफ्रेंस में सर्व आदिवासी सनातन समाज के नेताओं ने पत्थलगड़ी को असंवैधानिक बताया. उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां पत्थलगड़ी के द्वारा धर्मांतरण और संविधान की गलत व्याख्या कर आदिवासियों को बरगला रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे पत्थलगड़ी को हटाना ही आदिवासियों के हित में सही रहेगा. उन्होंने कहा कि जशपुर में षड्यंत्रकारी ताकतें आदिवासियों को आपस मे लड़ाना चाहती हैं. बीजेपी के आदिवासी नेताओं ने पत्थलगड़ी को चर्च की साजिश बताया है. कुनकुरी बीजेपी विधायक रोहित साय ने कहा कि पत्थलगड़ी का समर्थन कांग्रेस और जनता कांग्रेस के अमित जोगी भी कर रहे हैं. ये समाज को तोड़ने वाला है. सभी बीजेपी नेताओं ने एक स्वर में कहा कि पत्थलगड़ी के समर्थकों को शासकीय योजनाओं और आरक्षण के लाभ से वंचित किया जाए.