अंबिकापुर की खिलाड़ी उर्वशी को रेलवे में मिली नौकरी, सुनिए बास्केटबॉल प्लेयर की जीत की कहानी
अंबिकापुर की बास्केटबॉल खिलाड़ी उर्वशी बघेल को खेल के बदौलत रेलवे में क्लर्क की नौकरी मिली है.
सुशील कुमार बक्सला/अंबिकापुरः छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की बास्केटबॉल खिलाड़ी उर्वशी ने वह मुकाम हासिल कर दिखाया है, जिसकी तमन्ना हर खिलाड़ी की होती है. उर्वशी बघेल का खेल के प्रति जुनून ऐसा था कि 7 वीं कक्षा से बास्केटबॉल खेलते-खेलते न सिर्फ खिलाड़ी बन गई, बल्कि नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीत लिया. नेशनल गेम्स में अपनी प्रतिभा का परिचय देने वाली उर्वशी को अब खेल के बदौलत ही रेलवे में क्लर्क की नौकरी भी मिल गई है.
2013 में की थी खेल की शुरुआत
दरसअल अंबिकापुर के नमनाकला की रहने वाली उर्वशी ने बताया कि वह 2013 में मल्टीपरपज स्कूल से ही बास्केटबॉल खेलने की शुरुआत की थी. लेकिन 2014 में पिता का देहांत होने की वजह से परेशान रही. उर्वशी ने आर्थिक तंगी का सामना करते हुए भी हार नहीं मानी और फिर से एक साल बाद अंबिकापुर के गांधी स्टेडियम में खेलने लगी.
उर्वसी ने बताया कि 2015 में स्टेट लेवल में खेलने के लिए चयन हुआ. वह भिलाई चली गई, इस दौरान वह नेशनल टीम में सलेक्ट हुई. 2015 में पाण्डुचेरी में हुई सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीती. इसके बाद 2016 में भी हैदराबाद में आयोजित सब जूनियर में गोल्ड जीता. वहीं इस बीच कई प्रतियोगिता में भाग ली.
रेलवे टीम की तरफ से खेलेंगी उर्वशी
इसके बाद रेलवे में खेल कोटा से अप्लाई की तो ट्रायल के लिए बिलासपुर बुलाया गया. जहां उर्वशी बास्केटबॉल में फारवर्ड में खेलती है. इधर चयन के दौरान 11 खिलाड़ी पहुंचे थे, जिसमें अच्छा प्रदर्शन भी किया था. इससे सलेक्ट होने की उम्मीद बढ़ गई थी और अब सलेक्ट होने के बाद उवर्शी रेलवे टीम की तरफ से खेलेगी.
उर्वशी बघेल ने बताया कि उसने अब तक दो स्कूल नेशनल प्रतियोगिता, एक खेलो इंडिया खेलो और पांच ओपन नेशनल प्रतियोगिता में खेली है. ओपन नेशनल की तीन प्रतियोगिता में कैप्टन रही. वहीं सभी प्रतियोगिता मिलाकर तीन गोल्ड मेडल, 1 कास्य पदक जीती है. वहीं 2021 में 12वीं पास की तो फिलहाल कॉलेज में सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही है.
जानिए क्या कहा उर्वशी के कोच ने
उर्वशी ने कोच राजेश प्रताप सिंह की निगरानी मे बास्केटबॉल के गुर सीख रही है. बास्केटबॉल के कोच राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार के द्वारा अंबिकापुर शहर के गांधी स्टेडियम में अब 450 करोड़ रुपए कील लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है. इससे पहले इंडोर स्टेडियम नहीं होने की वजह से यहां के खिलाड़ियों को बाहर खेलने जाना पड़ता था. लेकिन अब इस इंडोर स्टेडियम के बन जाने से सरगुजा के आदिवासी अंचलों से भी अच्छे खिलाड़ी उभर कर सामने आएंगे और देश का प्रतिनिधित्व करेंगे.
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