Balrampur News: शिक्षा विभाग का कारनामा!बच्चों को दी जाने वाली किताबों का कबाड़ी से हुआ सौदा
Balrampur Books Were Sold at Scrap Shop: बलरामपुर में स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए दी जाने वाली किताबों का बंडल कबाड़ की दुकान पर बेच दिया गया.
शैलेंद्र सिंह बघेल/बलरामपुर: बलरामपुर जिले में स्कूली बच्चों को दी जाने वाली पुस्तकों का पैक बंडल कबाड़ी के दुकान में बिकने के लिए पहुंच गया. जिसमे भारत का संविधान भी नजर आ रहा है.जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बता दें कि वायरल वीडियो अक्टूबर के महीने का बताया जा रहा है. मामले में अब अधिकारी जांच का हवाला देते नजर आ रहे हैं.
पूरा वीडियो बना लिया
बता दें कि जिले के रामानुजगंज में एक कबाड़ी की दुकान पर भारत के संविधान का सौदा कौड़ियों के भाव में करने की तैयारी की जा रही थी. बता दें कि स्कूलो में गरीब बच्चों को दी जाने वाली पुस्तकों का नया बंडल के साथ भारत का संविधान की पुस्तक का सौदा जब रामानुज गंज में एक कबाड़ी के यहां किया जा रहा था तो उसी दौरान किसी ने इसका पूरा वीडियो बना लिया.जिसकी जानकारी लगने के बाद आनन फानन में पुस्तकों को कबाड़ से वापस मंगवा लिया और मामले में चुप्पी साध ली गई थी.
अब वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की पड़ताल से पता चला कि दी अक्टूबर महीने में रामनुगंज गंज के पुराना प्रज्ञा स्कूल के पास से जहां पर शिक्षा विभाग का पुस्तक भंडारण गृह है. वहीं से कबाड़ी को बंडल पैक किताबें बेच दी गई थी और मामले का वीडियो बनाए जाने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा उन पुस्तकों को कबाड़ी के यहां से वापस उठवा भी लिया गया था, लेकिन विभाग द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई है. आपको बता दें कि सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए पुस्तकों का अतिरिक्त खर्चा कम करने के उद्देश्य से निःशुल्क में पुस्तकों का वितरण किया जाता है. जिसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होती है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि बच्चों को दी जाने वाली पुस्तकों के पैक बंडल को कबाड़ तक किसने पहुंचाया.जिसमें भारत का संविधान की पुस्तक भी शामिल है.
मामले की जांच की जाएगी
हालांकि अब जब जी मीडिया ने मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सवाल जवाब किया है तो उनके द्वारा गोल-मोल जवाब दिया जा रहा है.वहीं पूरे मामले में एसडीएम ने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात जरूर की गई है, लेकिन देखने वाली बात यही होगी कि क्या शिक्षा विभाग द्वारा बाटें जाने वाली पुस्तकों का कबाड़ में सौदा किए जाने के मामले में विभाग इस पर दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई करता है या फिर पुस्तकों को अपना नहीं बताकर मामले को रफा-दफा कर देगा. हालांकि अगर इस मामले की सूक्ष्मता से जांच की जाएगी तो ये साफ हो जाएगा कि कबाड़ में मिली पुस्तकों के बंडल का लाट किस संकुल या स्कूल को जारी किया गया था या फिर गोदाम से ही पुस्तकों के बेचने का पूरा खेल किया जा रहा था.