Bhanupratappur by-election: भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है. भारी ठंड के बीच बड़ी संख्या में वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पहुंच रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने अपने वूथ में पहला वोट डाला. इस दौरान वो भावुक भी हो गईं. भानुप्रतापपुर में इस बार यूथ वोटरों की संख्या बढ़ी है. यानी इन्हीं के हाथों में प्रत्याशियों के किस्मत की फैसला है, जो 8 दिसंबर को सबके सामने आएगा.


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सावित्री मंडावी ने परिवार के साथ डाला वोट
कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने अपने बूथ में पहला वोट डालकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस दौरान उनके साथ उनका परिवार साथ रहा. वोट करने के तुरंत बाद ज़ी मीडिया से बात करते हुए सावित्री मंडावी भावुक हो गईं. अपने दिवंगत पति मनोज मंडावी को याद करते हुए आंखों में आंसू आ गए. हालांकि उन्होंने अपनी जीत का दावा किया और कहा कि पूरा भरोसा है जीतूंगी.


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एक केंद्र में वोटिंग मशीन खराब
मतदान केंद्र क्रमांक 243 लखनपुरी में वोटिंग मशीन खराब होने की बात सामने आई है. इस कारण मतदान में करीब 40 मिनट की देरी हुई है. लखनपुरी इस केंद्र को आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया है. यहां पहुंच रहे वोटर अपने स्थानीय मुद्दों के साथ प्रदेशिक विषयों पर अपना वोट डाल रहे है.


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इन वोटरों के हाथ में फैसला
भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं में 3 हजार 490 ऐसे मतदाता भी हैं, जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है. वे पहली बार अपना विधायक चुनने जा रहे हैं. ऐसे में इनका वोट भी काफी अहम है. वहीं इलाके में 19 महिलाओं और 529 पुरुषों को सर्विस वोटर के तौर पर चिन्हित किया गया है. इनके वोट से ही इस बार फैसला तय होने की उम्मीद है. हालांकि शाम तक इनमें से कितने लोग वोट डालते हैं इसका अंदाजा नहीं हैं.


जानें भानुप्रतापपुर का चुनावी इतिहास
- 1962 में पहली बार भानुप्रतापपुर को विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था. तब यहां निर्दलीय रामप्रसाद पोटाई ने कांग्रेस के पाटला ठाकुर को हराया.
- 1967 के दूसरे चुनाव में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई ने यहां से रामप्रसाद पोटाई को हराकर जीत हासिल की थी
- 1972 में कांग्रेस के सत्यनारायण सिंह ने प्रजा सोसलिस्ट पार्टी के जे हथोई को मात देकर जीत हासिल की
- 1979 में सत्यनारायण सिंह को पछाड़कर जनता पार्टी के प्यारेलाल सुखलाल सिंह ने यहां अपना डंका बजाया
- 1980 और 1985 के चुनाव में वापस से कांग्रेस के गंगा पोटाई की जीत बासिल की और प्यारेलाल सुखलाल सिंह को हरा दिया
- 1990 के चुनाव में लगातार कांग्रेस से दो बार के विधायक गंगा पोटाई को निर्दलीय झाड़ूराम हरा कर भानुप्रतापपुर में कब्जा किया
- 1993 में भाजपा के देवलाल दुग्गा यहां पर झाड़ूराम को हराकर विधायक बने
- 1998 में कांग्रेस के मनोज मंडावी जीते और अजीत जोगी सरकार में मंत्री रहे
- 2003 में कांग्रेस के मनोज मंडावी को हराकर एक बार पिर भाजपा के देवलाल दुग्गा विधायक बने
- 2008 में भाजपा के ही ब्रम्हानंद नेताम यहां से विधायक बने
- 2013 में कांग्रेस के मनोज मंडावी की यहां वापसी हुई, इसके बाद उन्होंने 2018 के चुनाव में भी  भानुप्रतापपुर में अपना कब्जा बरकरार रखा


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कैसा रहे अबतक का शेड्यूल
अधिसूचना के बाद 10 से 17 नवंबर तक भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किए गए. 18 नवंबर को नामांकन की जांच और 21 नवंबर तक नाम वापसी की आखिरी डेट थी. इस तारीख के बाद मैदान में कुल 39 में से 7 प्रत्याशी ही बचे, जिनके बीच आज मुकाबले की वोटिंग हो रही है. इसका परिणाम 8 दिसंबर को घोषित किया जाएगा.