Chhattisgarh Vidhansbha Chunav 2023: छत्तीसगढ़ के कोरिया से अलग होकर भरतपुर-सोनहत-मनेंद्रगढ़ (Bharatpur Sonhat Manendragarh) नया जिला बना. इसमें दो विधानसभा सीटें भरतपुर-सोनहत और मनेंद्रगढ़ आती हैं. इसमें से भरतपुर ST के लिए रिजर्व और वहीं मनेंद्रगढ़ अनारक्षित है. नया राज्य बनने के बाद से ज्यादातर समय इन दोनों सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा रहा. लेकिन, 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई. इसमें ये दोनों सीटें भी उसके हाथ से निकल गई. आइए जानते हैं कि 2023 के विधानसभा चुनाव )Chhattisgarh Assembly Election 2023) में क्या भाजपा यहां वापसी कर पाएगी या कांग्रेस का जबदबा बरकरार रहेगा.


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वर्तमान स्थिति (2018)
सोनहत-मनेंद्रगढ़ की भरतपुर सोनहत  ST के लिए आरक्षित है और मनेंद्रगढ़ अनरिजर्व सीट है. यहां 2018 बीजेपी को हटाकर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया था. भरतपुर सोनहत से गुलाब कमरो ने चंपादेवी पावले पर और मनेंद्रगढ़ से डॉ. विनय जायसवाल ने श्याम बिहारी जायसवाल पर जीत हासिल की थी.



वोटों के आंकड़े
भरतपुर सोनहत में कुल वोटर 158709 हैं. इसमें 79431 महिलाएं और 79274 पुरुष हैं.
मनेंद्रगढ़ में कुल वोटर 131423 हैं. इसमें 63684  महिलाएं और 67737 पुरुष हैं.



2018 में वोट शेयर
भरतपुर सोनहत से 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 35199 और कांग्रेस को 51732 वोट मिले थे. जबकि, अन्य के खाते में 46281 वोट गए थे.
मनेंद्रगढ़ से 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 30792 और कांग्रेस को 34803 वोट मिले थे. जबकि, अन्य के खाते में 31617 वोट गए थे.



2018 के आंकड़े
लगातार 10 साल तक दोनों सीटों पर राज करने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों सीटे बीजेपी के हाथ से निकल गईं. भरतपुर सोनहत में गुलाब कमरो ने चंपादेवी पावले को हराकर वापसी कर ली वहीं मनेंद्रगढ़ से कांग्रेस की टिकट पर लड़े विनय जायसवाल ने बीजेपी के श्याम बिहारी जायसवाल को हरा दिया.



2013 के आंकड़े
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में एक बार बीजेपी ने फिर से दोनों सीटें जीत ली. हालांकि, इस बार भरतपुर सोनहत से चंपा देवी पावले ने गुलाब कमरो को 4 फीसदी के अंतर से और मनेंद्रगढ़ से श्याम बिहारी जायसवाल ने गुलाब सिंह को 4 फीसदी मतों के अंतर से हरा दिया.



2008 के आंकड़े
नई सीट के गठन के बाद बीजेपी के फूलचंद सिंह ने खुद को भरतपुर सोनहत में शिफ्ट किया और पहले चुनावों में ही कांग्रेस के गुलाब सिंह को 7298 मतो से हरा दिया. वहीं मनेंद्रगढ़ भाजपा के ही दीपक कुमार पटेल ने कांग्रेस के रामानुज को हरा दिया. इस तरह से दोनों सीटे भाजपा के कब्जे में आ गईं.



2003 के आंकड़े
भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट का गठन 2003 के परिसीमन के बाद हुआ था. इसमें पहला चुनाव 2008 में कराया गया था. हालांकि, मनेंद्रगढ़ में हुए चुनाव में कांग्रेस के गुलाब सिंह ने बीजेपी के राम लखन सिंह को 7526 यानी 6.68 फीसदी के अंतर से हरा दिया था.



मनेंद्रगढ़ भरतपुर सोनहत में आने वाली सीटों पर बीजेपी ने 2003 की हार के बाद 2008 में वापसी की थी. इसके बाद लगातार दोनों सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाए रखा. लेकिन, 2018 में एक झटके में दोनों सीटें हाथ से निकल गईं. अब 2023 के विधानसभा चुनाव में देखना होगा की क्या भाजपा यहां वापसी कर पाएगी. या भूपेश बघेल को वादा निभाने का जनता इनाम देगी.