बिलासपुर: सिम्स मेडिकल सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही के कारण नन्हें बच्चे का जीवन खराब कर दिया है. डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे का हाथ तक कटवाना पड़ गया. कलेक्टर ने इस मामले में जांच करने की बात कही है. परिवार के लोगों ने मुआवजा और कार्रवाई को लेकर गुहार लगाई है.


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दरअसल बिलासपुर शहर में संभाग के बड़े अस्पताल सिम्स और प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण पिछले 8 महीने से कारवाई को लेकर एक परिवार भटक रहा है. यहां एक बार फिर डॉक्टर की लापरवाही की जांच कार्यवाई और मुआवजा की मांग को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाई है. पीड़ित परिवार ने लिखित शिकायत लेकर सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात की थी. जिसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच की बात कही है.


जानिए पूरा मामला 
दरअसल 1 जून 2023 को सुखीराम सतनामी, जो की जनकपुर जिला मनेद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर के रहने वाले हैं. सिम्स मेडिकल हॉस्पिटल में अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए आए थे. डिलीवरी में बच्चे का जन्म हुआ और बच्चे के इलाज के बाद लापरवाही की गई. वहीं सिम्स से परिजन को प्राइवेट अस्पताल भेज दिया. इस तरह के इलाज में लापरवाही से बच्चे के हाथ में गेंग्रीन जैसी खतरनाक बीमारी हो गई. जिसका इलाज के दौरान बच्चे का नागपुर में ऑपरेशन से हाथ काटना पड़ गया.


बच्चे के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमने पुलिस में शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आज हमने कलेक्टर से बता की है. उन्होंने हमें आश्वासन नहीं दिया है. पीड़ित पिता ने कहा कि बच्चे को डॉक्टरों ने  अपाहिज बना दिया है. हमें इसका मुआवजा मिलना चाहिए. जिन डॉक्टरों ने लापरवाही बरती है, उन्हें सस्पेंड किया जाए


पीड़ित परिवार पहुंचा कलेक्टर के पास
इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर से शिकायत की गई थी. जिसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है. अब परिवार अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर अवनीश शरण के पास पहुंचा है. कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि जल्द जांच पूरी कर ली जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


रिपोर्ट - शैलेंद्र सिंह ठाकुर