Satnami Community impact on CG Election 2023: साल के अंत में छत्तीसगढ़ (CG News) में विधानसभा (CG Election) चुनाव हैं. इसलिए सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस सभी वर्गों को साधने में लगी है. इसी क्रम में आज सीएम भूपेश बघेल रायपुर के शहीद स्मारक भवन पहुंचकर मिनिमाता स्मृति दिवस और प्रतिभा सम्मान समारोह  में शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के नवनिर्वाचित सदस्यों को पद एवं कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई और सतनामी समाज के दस महिलाओं का भी  उन्होंने सम्मान किया.इस मौके पर सीएम बघेल ने कहा कि  जिन ब्लॉकों में सतनामी समाज के लोगों की संख्या अधिक हो. वहां बनेगा मॉडल जैतखाम, 25 करोड़ की व्यवस्था की गई तो चलिए आपको बताते हैं कि सतनामी समाज का राजनीतिक प्रभाव के बारे में...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

MP Chunav 2023: जब 56 साल पहले इस सिंधिया ने गिराई थी कांग्रेस सरकार! पार्टी सत्ता से हुई थी बेदखल


 


वोट बैंक 
बता दें कि सतनामी समुदाय का छत्तीसगढ़ में एक बड़ा वोट बैंक है, जिसकी आबादी लगभग 30 लाख (3 मिलियन) है. इसलिए इनका वोट बैंक कई विधानसभा सीटों  में चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है. पूर्व में भी सतनामी समुदाय अपने वोट से छत्तीसगढ़ में चुनावी समीकरण को बदलने में सक्षम रहा है.


राज्य के पहले सीएम अजीत जोगी की सतनामी समाज के भीतर मजबूत पकड़ थी और उनके समर्थन के माध्यम से उनकी राजनीतिक पार्टी की संभावनाओं को मजबूत किया है. बता दें कि यह समुदाय छत्तीसगढ़ के राजनीतिक परिदृश्य में 14 से 16 प्रतिशत की अच्छी-खासी हिस्सेदारी रखता है.


भाजपा को नुकसान
गौरतलब है कि आरक्षित अनुसूचित जाति (एससी) सीटों के संदर्भ में सतनामी समाज का प्रभाव विशेष रूप से रहा है. 2013 में, भाजपा ने 10 एससी सीटों में से 9 पर जीत हासिल की, लेकिन 2018 में, वो केवल 2 सीटों में सिमिट गई. जबकि कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके साथ ही कांग्रेस ने सतनामी मतदाताओं के प्रभाव वाली 19 सामान्य सीटों पर असाधारण प्रदर्शन किया था. बता दें कि गुरु बालदास और खुशवंत साहब के कांग्रेस मे शामिल होने से भी पिछले चुनाव में भाजपा का नुकसान हुआ था. 


Jyotiraditya Scindia: कमल नाथ के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर आया सिंधिया का रिएक्शन! महाराज ने किया पलटवार


कांग्रेस का था कोर वोटर
पूर्व में, सतनामी समुदाय को मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी का कोट वोटर माना जाता था, अजीत जोगी का इस समुदाय पर महत्वपूर्ण प्रभाव था. हालांकि, ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस के भीतर रहते हुए भी अजीत जोगी ने अपनी ही पार्टी को नुकसान पहुंचाया. ऐसे खबरे आईं जिससे कहा जाता है कि अजीत जोगी ने 2013 में बीजेपी के सीएम रमन सिंह की सहायता करने में भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही, 2018 में रिपोर्टें सामने आईं कि भाजपा ने अजीत जोगी और बसपा के अभियान के लिए धन दिया था.


2018 में ऐसा हुआ था उलटफेर
2013 में, गुरु बलदास ने एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया और राज्य के चुनाव में 21 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. हालांकि अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित 10 सीटों में से, पार्टी के उम्मीदवारों ने केवल 2 पर चुनाव लड़ा था. कहा जाता है कि गुरु बलदास की पार्टी ने परोक्ष रूप से भाजपा को फायदा पहुंचाया था. चुनाव में सतनाम सेना कोई भी सीट हासिल करने में विफल रही थी. हालांकि, पार्टी के चलते कांग्रेस के वोटों में विभाजन हुआ था. जिससे अंततः भाजपा को 10 एससी आरक्षित सीटों में से 9 पर जीत हासिल करने में मदद मिली थी, लेकिन फिर  रमन सिंह के शासन के दौरान, एससी कोटा बाद में 16 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे गुरु बलदास और रमन सिंह के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ था. इसके बाद, 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, गुरु बलदास और उनके समर्थकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. जिसके बाद विधानसभा चुनाव में एससी रिजर्व सीट में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया.