Chhattisgarh Reservation: इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) होना है. प्रदेश राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं. अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने भी राज्य में इंट्री मार दी है. राजधानी रायपुर (Raipur) में पहुंचे चंद्रशेखर ने आरक्षण मुद्दे के सहारे अपनी राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है. उन्होंने भूपेश सरकार (Bhupesh Sarkar) को अल्टीमेटम भी दिया है और कहा है कि जरूरत पड़ी तो चुनाव भी लड़ेंगे.


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3 मार्च से दी आंदोलन की चेतावनी
चंद्रशेखर आजाद ने अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के आरक्षण (Reservation)को 13 से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने की मांग की है. उन्होंने प्रदर्शन कर रहें लोगों के बीच पहुंच कर कहा कि अगर ये मांगे नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश में 3 मार्च से आंदोलन (Andolan) करेंगे. उन्होंने इस आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को संकल्प भी दिलाया. आजाद ने कहा कि 90 प्रतिशत लोग 10 प्रतिशत लोगों पर राज कर रहें हैं. उन्हे पिछड़ों और शोषित वर्ग के लोगों से कोई लेना देना नहीं हैं.


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लड़ेंगे चुनाव
धरना स्थल पर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो आने वाले चुनाव में अपना नेता भी मैदान में उतारेंगे. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि हम हजारों साल से अधिकार मांग रहें हैं पर हमें अधिकार नहीं मिल रहा है, मांगने पर भीख मिलती है अधिकार छीनना पड़ता है. छीनने में शक्ति लगती है. जिनकी सत्ता होती है वो किसी के भी आगे हाथ नहीं फैलाते हैं. छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ जुल्म किया जा रहा है और उनके अधिकार छीने जा रहें है.


क्यों चर्चा में आया मामला 
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बीते दिसंबर विधेयक लाया गया था, जिसमें आदिवासी वर्ग-ST को 32%, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण का अनुपात तय हुआ है. इसके अलावा सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का भी प्रस्ताव है. इसको मिलाकर छत्तीसगढ़ राज्य में 76% आरक्षण हो जाएगा. मगर अब तक ये विधेयक प्रदेश की राज्यपाल के हस्ताक्षर न होने की वजह से अटका हुआ है.


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हालांकि, चंद्रशेखर ने रायपुर में सभा करके छत्तीसगढ़ सरकार से अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण करने की मांग की है और न करने के हालात में चेतावनी भी दी है. चंद्रशेखर की इस तरह की एंट्री छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव के लिहाज से बड़ी मानी जा रही है. राजनीतिक जानकार अब ये सोच में पड़े हैं कि आजाद भूपेश सरकार के खिलाफ लड़ेंगे या भाजपा के खिलाफ.