रायपुरः छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों के हित में बघेल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत एनएसडीएल से 17 हजार करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ सरकार को वापस कराने की मांग की है. इसके लिए सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. सीएम बघेल का कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत राज्य को अनुबंध से बाहर जाने और पुरानी पेंशन योजना बहाली से रोकता है. 


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सीएम बघेल ने खत लिखकर केंद्र सरकार को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण को निर्देशित करने की मांग की है, वह छत्तीसगढ़ सरकार को अंतरित 17 हजार 240 करोड़ रुपए वापस करे ताकि शासकीय कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जा सके.  सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा एनपीएस ट्रस्ट और एनएसडीएल के साथ किए गए अनुबंधों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो राज्य सरकार को नवीन अंशदायी पेंशन योजना के संबंध में अनुबंध से बाहर जाने और पुरानी पेंशन योजना बहाली से रोकता है. 


सीएम ने लिखा कि संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार का संप्रभु फैसला है. राज्य की बजट घोषणा और मंत्रिमंडल के फैसलों को क्रियान्वयन से रोकना ठीक नहीं है. पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, एनएसडीएल को 1 नवंबर 2004 से लेकर 31 मार्च 2022 तक कुल 11,850 करोड़ अंतरित किए गए हैं. वर्तमान में इस जमा राशि का बाजार मूल्य बढ़कर करीब 17,240 करोड़ रुपए है. 


बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2022-23 बजट के भाषण में राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का ऐलान किया था. जिसके तहत 1 नवंबर 2004 या उसके बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा. जिसके बाद 1 अप्रैल 2022 से सरकारी कर्मचारियों के वेतन से काटा जाने वाला मासिक पेंशन अंशदान और राज्य सरकार का अंशदान एनएसडीएल को जमा करना समाप्त कर दिया गया है. अब सरकार एनएसडीएल में जमा कुल रकम को वापस देने की मांग कर रही है ताकि उसे पुरानी पेंशन योजना के तहत खोले गए सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा की जा सके.