CG में हड़ताल से आंगनबाड़ी केंद्रों पर लटके हैं ताले,बच्चों-महिलाओं पर ऐसे पड़ रहा है असर
Chhattisgarh News: सरगुजा जिले के 2,460 आंगनबाडी कार्यकर्ता हड़ताल के कारण एक सप्ताह से अधिक समय से बंद पड़े हैं, इससे बच्चों और महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ रहा है चलिए आपको उसके बारे में बताते हैं.
Anganwadi strike in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटके होने से अब बच्चों व महिलाओं को मिलने वाली पोषण आहार पर भी ताला लगता हुआ दिखाई दे रहा है. जिस तरह से सरगुजा जिले के 2,460 आंगनबाड़ी केंद्र पिछले 1 हफ्ते से अधिक समय से बंद पड़े हुए हैं. ऐसे में यहां के एक दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का ज़ी मीडिया ने ग्राउंड जीरो से जायजा लिया.
6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल
बता दें कि सरगुजा जिले के 2460 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता और सहायिकाएं पिछले 1 हप्ते से अधिक समय से 6 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं. इनकी मुख्य मांगे हैं, वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए, कार्यकर्ताओं के पदों की पदोन्नति दी जाए. हालांकि, इन सभी मांगो के बीच दिए जाने वाले पोषण आहार नहीं मिलने से बच्चों व गर्भवती महिलाओं पर इसका असर पड़ रहा है.
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भोजनवितरित करने में परेशानियों का सामना
जिले के महिला बाल विकास अधिकारी बसंत मिंज ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से जिले में 2460 आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषण अभियान के तहत दिए जाने वाले गरम भोजन सहित रेडी टू ईट वितरित करने में परेशानियों का सामना करना तो पड़ रहा है,लेकिन आने वाले दिनों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से उपस्थिति पंजी और आंगनबाड़ी भवन की चाबी लेकर फिर से खोलने की तैयारी की जा रही है. बहरहाल, प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण को दूर करने के लिए अभियान चलाकर गरम भोजन, रेडी टू ईट सहित अन्य क्रियाकलाप आंगनबाड़ी के माध्यम से किया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से इसका सीधा असर कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर देखने को मिल रहा है. अब देखना होगा कि प्रदेश सरकार कब तक इनकी मांगे पूरी करती है.