Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा (BJP) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी किसी भी हाल में सत्ता में वापसी करने की फिराक में है. इसी के तहत बीजेपी ने साल 2019 में नगरी निकाय चुनाव में पार्टी से निकाल गए और बागी हुए नेताओं की वापसी कराने में जुटी हुई है. बताया जा रहा है कि 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल भी कर लिया गया है. ये नेता निष्कासन का समय पूरा होने से पहले पार्टी में शामिल हुए हैं.


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निकाले गए थे नेता
छत्तीसगढ़ में साल 2019 में नगरीय निकाय चुनाव हुआ था. इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर टिकट नहीं मिलने के कारण बीजेपी से बागी होकर बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसके बाद कुछ सीटों पर बीजेपी के बागी प्रत्याशियों ने जीत भी दर्ज की थी जिसका खामियाजा नगरी निकाय चुनाव के बाद शहर में सरकार बनाते वक्त बीजेपी को उठाना भी पड़ा था, क्योंकि बागी विजयी प्रत्याशियों ने बीजेपी का समर्थन नहीं किया था जिसके कारण कई स्थानों पर बीजेपी शहरों में सरकार नहीं बना पाई.


इसके बाद पार्टी की गाइड लाइन से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं को पार्टी से बेदखल कर दिया था उनके ऊपर अनुशासनहीनता की कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए बीजेपी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों और बीजेपी कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया था लेकिन 2023 में विधानसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी ने बागी और निष्कासित कार्यकर्ताओं की सदस्यता वापस बहाल कर दी है दुर्ग जिले में भारतीय जनता पार्टी के 100 से ज्यादा नेताओं को अब भारतीय जनता पार्टी में वापसी हो चुकी है .


 



 


ज्वाइन नहीं की थी पार्टी
बीजेपी पार्टी में वापस लौटने वाले नेताओं का कहना है कि इतने सालों में उन्होंने कभी भी सत्तापक्ष कोंग्रेस का साथ नहीं दिया वह हर मामले पर विपक्ष बीजेपी के साथ खड़े रहे पार्टी से बगावत होकर चुनाव जरूर लड़े और जीतने के बाद किसी और दल में प्रवेश नहीं किया बीजेपी की विचारधारा से जुड़े रहे इसलिए उनकी वापसी हुई है. 


तो वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी के जिला प्रवक्ता दिनेश देवांगन का कहना है कि बीजेपी एक बड़ा परिवार है जिन लोगों की सदस्यता समय से पहले बहाल की गई है उन लोगों ने अब तक किसी भी दल का दामन नहीं थामा था.  वे सभी नैतिक रूप से बीजेपी के ही कार्यकर्ता थे जिनको टिकट नहीं मिला इसलिए बागी होकर चुनाव लड़ लिए लेकिन वह बीजेपी के साथ ही रहे इसलिए पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका देते हुए उनकी सदस्यता बहाल कर दी है. जिसका असर आने वाले चुनाव में बेहतर दिखेगा. बता दें की वापसी करने वाले नेताओं में कई नगर निगम के नगर पंचायत पार्षद भी है सभी नेता दुर्ग जिले के अहिवारा,धमधा,पाटन,उतई के हैं.



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