शैलेंद्र सिंह बघेल/बलरामपुरः छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के विधानसभा क्षेत्र में सरकारी स्कूल के बच्चों को पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ाई करना पड़ रही है. यहां का सरकारी भवन पिछले 10 सालों से जर्जर हो चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले कई सालों से भवन निर्माण की गुहार लगा रहे थे, लेकिन अब जाकर भवन बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. 


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2016 के प्रस्ताव को अब मिली स्वीकृति
छत्तीसगढ़ सरकार फिलहाल आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलकर ग्रामीण इलाकों के बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने में लगा है. वहीं दूसरी ओर बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड में आने वाले सावित्रिपुर गांव के प्राथमिक स्कूल का भवन पिछले 10 सालों से जर्जर हालत में है. 35 बच्चों के इस प्राइमरी स्कूल में 2016 में नया भवन बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया. जिसकी स्वीकृति अब जाकर शासन से मिल पाई है. 


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10 सालों से जर्जर हालत में है स्कूल
यहां के बच्चे स्कूल विहीन है, पुराना स्कूल भवन 10 साल पहले जर्जर होना शुरू हो गया, अब तो इसकी हालत बहुत ही खराब हो चुकी है. बच्चों को प्राइवेट घरों और पेड़ के नीचे पढ़ाना पड़ रहा है. यहां तक कि गांव की आंगनबाड़ी भवन तक में इसका संचालन किया जा रहा था. आंगनबाड़ी भवन में पहली से पांचवीं तक के बच्चों की क्लास लगा पाना संभव नहीं हो पा रहा है. इस कारण टीचर्स उन्हें पीपल के पेड़ के नीचे पड़ा रहे हैं. 


शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आता है स्कूल
राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, जो कि प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है. यह स्कूल भी उन्हीं के विधानसत्रा क्षेत्र का हिस्सा है. ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी दफ्तरों में उनकी फाइल पिछले 10 सालों से घूम रही है. वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा कहा गया कि उनके भवन में भी अलग-अलग समय पर कार्यक्रम किए जाते हैं. लेकिन स्कूल के संचालन से उनके कार्यक्रम भी नहीं हो पा रहे. 


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अधिकारी बोले, जल्द तैयार होगा भवन
पूरे मामले पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सावित्रिपुर  में स्कूल का संचालन अस्थाई रूप से आंगनबाड़ी और पेड़ के नीचे किया जा रहा है. उनके द्वारा भवन के लिए 2016 से कोशिश की जा रही है, लेकिन स्वीकृति अभी मिल सकी है. अधिकारी ने कहा कि जल्द ही उस स्थान पर अतिरिक्त कक्ष का निर्माण किया जाएगा.  


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