हितेश शर्मा/दुर्ग: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल अपने दुर्ग जिले के ग्राम बोरीगारका पहुंची और उसे तब पता लगा कि पिताजी अब इस दुनिया मे नहीं हैं तो पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर हिसा गांव तो पहुंची, लेकिन इस समय उसके पिता ही उसके साथ नहीं थे. हिसा का पूरे गांव में रोड शो निकाला गया और इस दौरान ग्रामीणों ने हिशा का जोरदार स्वागत किया.


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आज बोरी गरका गांव का माहौल बिल्कुल अलग था. आज एक बेटी पिता का सपना देश सेवा कर के पुराल करेगी, लेकिन इत्तेफाक ही है कि उसे देखने के लिए उसके पिता ही अब इस दुनिया मे नहीं है. हिशा आज परेड करते हुए अपने घर की दहलीज पर पहुंचते ही मां से गले लगकर रोने लगी. पिता की फोटो पर माला चढ़ाकर उन्हें सैल्यूट किया और अपनी सेना की कैप पहले तो अपने पिताजी के चरणों में रखी.फिर, उसके बाद उन्हें प्रणाम किया और फफक-फफक कर रो पड़ी. फिर सेना की कैप को अपनी मां के सिर पर रख कर उन्हें सैल्यूट किया. यकीन मानिए नजारा भावुक करने वाला था.सभी लोग भावुक हो गए और तालियां बजाने लगे. 


पिता की कैंसर के कारण हो गई थी मृत्यु
आपको बता दें कि हिशा के पिता ऑटो चालक थे. कैंसर की वजह से पिछले साल उनका निधन हो गया था. घर वालों ने पिता की मौत की खबर बेटी से छिपाकर रखी थी क्योंकि बेटी अग्निवीर की ट्रेनिंग पर थी. जब हिशा अपने गांव पहुंची, तब पता चला कि उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं पहले तो हिसा मजबूत सैनिक की तरह रोड शो में शामिल हुई. फिर घर पहुंची तो अपनी मां को देखते ही वह रोने लगीं. रोड शो के दौरान गांव के लड़के-लड़कियां नाचते रहे. बड़े-बुजुर्गों ने हिशा को आशीर्वाद दिया और रोड शो के दौरान फूलों की बारिश भी की गई. कई घंटों तक रोड शो के बाद हिशा अपने घर पहुंची और परेड करते हुई अपने घर की दहलीज तक गई. 


हिशा का नौसेना में महिला अग्निवीर के रूप में हुआ चयन
गौरतलब है कि हिशा बघेल का चयन भारतीय नौसेना में अग्निवीर के रूप में हुआ है. वो अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली बार कल गांव लौटी हैं. उनके पिता ने ट्रेनिंग में जाते समय मुस्कुराते हुए हिशा को विदा किया था, लेकिन हिशा को यह नहीं पता था कि वह अपने पिता को अंतिम बार देख रही हैं. हिशा बघेल का चयन सितंबर 2022 में नौ सेना में महिला अग्निवीर के रूप में हुआ था. हिशा ओडिशा के चिल्का में इंडियन नेवी के सीनियर सेकेंडरी का प्रशिक्षण लेकर लौटी हैं. अब हिशा छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर बनकर देश की सुरक्षा करेंगी. वहीं भारतीय नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत कुल 560 पदों पर महिलाओं की भर्ती होनी थीं. इसमें पहले चरण में 200 महिलाओं का चयन किया गया है. हिशा का चयन छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर के रूप में इसी बैच में हुआ है.