Chhattisgarh Medical Supplies Scam: छत्तीसगढ़ में दवा सप्लाई और उपकरणों की खरीदी में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज एवं कॉरपोरेशन के द्वारा गड़बड़ी करने के मामला सामने आया है. ZEE मीडिया ने पहले भी प्रमुखता से गड़बड़ी की खबर दिखाई थी. सीएजी ने पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग को एक पत्र लिखा है. जिसमें बगैर बजट एलॉटमेंट के 660 करोड़ की मेडिकल सप्लाई की आशंका जताई है. सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ है. अब स्वास्थ्य विभाग ने 2 जुलाई को बैठक बुलाई है. घोटाला सहित तमाम मसलों चर्चा की जाएगी.


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क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री?


इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि हमने जांच दल गठित कर दिया है. 4-5 आईएएस लेवल के अफसर जांच कर रहे हैं. जल्द जांच रिपोर्ट आएगी. उसके आधार पर हम कार्रवाई करेंगे. इस मामले में जिस कंपनी ने दवा और उपकरण सप्लाई किया था. उसके करीब 400 करोड़ का भुगतान रोक दिया गया है. वहीं इस मसले को लेकर कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया का कहना है कि अभी मुझे इस मामले की जानकारी नही है. जानकारी लेकर ही बता पाऊंगा.


क्या है मामला?


बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान वर्ष 2022-23 और 2023-24 में छत्तीसगढ़ राज्य मेडिकल सर्विसेस एवं कार्पोरेशन द्वारा 660 करोड़ के उपकरणों और रीएजेंट की खरीदी की थी. इन सामानों की सप्लाई राज्य के 776 हेल्थ सेंटरों में किया गया था. महालेखाकार के ऑडिट में यह बात सामने आई थी कि चिकित्सकीय उपकरण ऐसे 350 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजे गए. जहां उनकी जरूरत ही नहीं है क्योंकि इससे संबंधित जांच करने के लिए वहां स्टाफ तैनात नहीं है. दवाओं को 5 गुना दामों पर खरीदा गया. वहां, बड़ी मात्रा में ऐसे रीएजेंट भी सप्लाई किए गए हैं. जिनके रखरखाव के लिए वहां पर्याप्त इंतजाम भी नहीं है. इसकी वजह से करोड़ों रुपए कीमती इन चिकित्सकीय उपकरणों के बेकार पड़े रहने और खराब होने की आशंका भी जताई गई थी.


हेल्थ सेंटरों में की सप्लाई
1. एडिनोसिन डीएम इमेज इस तरह के रीएजेंट का उपयोग लिवर फंक्शन की जांच में होता है.
2. मैग्नीशियम सीरम- इसका उपयोग आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए किया जाता है.
3. पेट, किडनी से संबंधित जांच सुपर स्पेशलिटी चिकित्सकों द्वारा की जाती है.
4. कार्डियक मार्कर- हार्ट अटैक की स्थिति जांचने के लिए उसका उपयोग होता है.


आपको बता दें कि 2018 से 2023 तक छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. इस दौरान छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन में दवाइयों और मेडिकल उपकरणों की खरीदी में अनियमितता के आरोप लगे थे. बाद में बीजेपी ने इस मामले में विधानसभा से पूरी जानकारी मांगी थी. जिस पर छत्तीसगढ़ की मौजूदा बीजेपी सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 1 जनवरी 2022 से 30 अक्टूबर 2023 तक स्वास्थ्य विभाग में हुई खरीदी की जानकारी दी. विधानसभा से मिली जानकारी के बाद ये साफ हो गया कि जो दवाइयां और मेडिकल उपकरण खरीदे गए. उनका भुगतान कीमत से कहीं ज्यादा किया गया, यानी महंगे दामों पर सामान खरीदा गया.