बीजापुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है. लगातार बारिश की वजह से बीजापुर जिले से लगने वाली सभी राज्यीय बॉर्डर बंद हो गए हैं. जिससे हाईवे के दोनों तरफ यात्रियों के वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लगी हैं. 


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तेलंगाना और बीजापुर का संपर्क टूटा 
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुबह से ही भारी बारिश हो रही है. बीजापुर जिले की सीमा महाराष्ट्र और तेलंगाना से लगती है. जबकि तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी भारी बारिश हो रही है. ऐसे में दोनों राज्यों को बीजापुर से संपर्क टूट गया है. बीजापुर से लगने वाली तेलांगाना के टेकुलगुडम और महाराष्ट्र के सोमनपल्ली में मुख्यसडक पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबी हैं. जिससे दोनों राज्यों का संपर्क पूरी तरह से बंद गया है. 


जनजीवन अस्त व्यस्त 
वहीं मूसलाधार बारिश की वजह से जिले में जनजीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है. जिले में बाढ़ अब बढ़ने लगी है. जिले की 6 तहसीलों में अबतक 614 मिमी वर्षा हो चुकी है. जिले के ज्यादातर नदी नाले उफान पर हैं. दर्जनों गांवों का संपर्क अभी भी जिला मुख्यालय से टूटा हुआ है. प्रशासन हरसंभव मदद का दावा कर रहा है. इस बीच लोग स्वास्थ्य सुविधा और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जानजोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. जिले के ज्यादातर स्कूलों का संपर्क भी टूटा हुआ है.  बाढ़ग्रस्त इलाको और कमजोर स्कूल भवनों में छुट्टी दे दी गई है. 


इन नदियों ने तोड़ा संपर्क
बीजापुर जिले में बहने वाली मिरतुर नदी अपने पूरे शबाब पर है, लगातार मूसलाधार अतिवर्षा से नदी कई दिनों से उफान पर है. खाद्य सामाग्री और मेडिकल सुविधा पहुंचाना मुश्किल हो चला है. मिरतुर नदी के भरने से सेपटलीगुड़ा, केतुलनार तोयनार, मिरतुर, तड़केल, चेरली, बेचापाल मदपाल, सहित 15 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. 


राशन की हो रही परेशानी 
कुछ दिन पहले 200 क्विंटल राशन ले जाते ट्रक के बाढ़ में बहने के बाद कल एक ट्रैक्टर भी बाढ़ की चपेट में आ गया. नक्सल प्रभावित सेंड्रा इलाके में एक निजी ट्रैक्टर भोपालपटनम से पीडीएस का राशन लेकर जा रहा था. इसी बीच झल्लावागु में बाढ़ बढ़ने से ट्रैक्टर पानी मे समा गया। चालक सहित ग्रामीणों ने तैरकर अपनी जान बचाई. ऐसे में अब इस क्षेत्र में राशन की परेशानी भी हो सकती है. 


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