रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 से प्रदे को कुपोषण मुक्त बनानले के लिए अभियान शुरू किया था, जो अब रंग ला रहा है. कुपोषण से मुक्ति की पहल पर शुरू हुए प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान (Nutrition Campaign) का अच्छा प्रतिसाद मिलने लगा है. मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के साथ कई योजनाए लागू कर एकीकृत प्लान और समन्वित प्रयास से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है. 
 
18.86 प्रतिशत की कमी दर्ज
प्रदेश में चलाए गए वजन त्यौहार जुलाई 2021 के अनुसार राज्य में केवल 18.84 प्रतिशत बच्चे कुपोषित पाए गए हैं. यदि इसकी तुलना एनएफएचएस-4 से की जाए तो कुपोषण को लेकर छत्तीसगढ़ में लगभग 18.86 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इसकी तुलना अगर दूसरे प्रदेशों से करें तो देश के अन्य 21 राज्यों में जहां एनएफएचएस-5 का डाटा जारी किया गया है वहां कुपोषण के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. इससे जुड़े सभी आंकड़े इंटरनेट पर भी अपलोड किए गए हैं. इसके बाद से कहा जा सकता है कि अखबारों में छत्तीसगढ़ में कुपोषण अधिक होने की खबर भ्रम फैलाने वाली, आधारहीन और तथ्यों से परे है. इससे जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ये साफ प्रदर्शित होता है कि छत्तीसगढ़ कुपोषण में कमी लाने वाले राज्यों में अग्रणी है. राज्य में कुपोषण में कमी लाने के लिए प्रयास निरंतर जारी है. 


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बच्चों में कुपोषण कम करने की कोशिश 
गौरतलब है कि एनएफएचएस-4 जो कि साल 2015-16 में जारी हुआ था, उसमें छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों की संख्या 37.7 प्रतिशत पाई गयी थी और राष्ट्रीय औसत 35.7 था. इसके बाद राज्य सरकार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कई योजनाओं और कायर्क्रमों के माध्यम से बच्चों में कुपोषण कम करने की कोशिश की गई. 2021 में 07 जुलाई से 16 जुलाई 2021 के बीच वजन त्यौहार का आयोजन भी किया गया. इस दौरान लगभग 22 लाख बच्चों का वजन लेकर कुपोषण के स्तर का आंकलन किया गया. बता दें ये डाटा पारदर्शी तरीके से लिया गया है. इसके लिए आंगनबाड़ी कायर्कर्ताओं ने वजन लेकर सरकारी एप में एंट्री भी की, जिससे डाटा की गुणवत्ता प्रभावित न हो. इस अवधि में डाटा की गुणवत्ता परीक्षण के लिए बाह्य एजेंसी की सेवाएं ली गई. 
 
छत्तीसगढ़ में जनवरी 2019 की स्थिति में चिन्हांकित कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32 प्रतिशत यानी एक लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए है. कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में ये बघेल सरकार की बड़ी उपलब्धि है. बहुत ही कम समय में ही प्रदेश में कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी आई है, इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है.


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