रायपुर: देश में अभी बिहार की राजनीति और नितीश कुमार ( Nitish Kumar ) की चर्चा तेज है इस बीच बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव किया है. विधानसभा चुनाव 2023 से पहले छत्तीसगढ़ भाजपा ( Chhattisgarh BJP ) अध्यक्ष के पद पर अरुण साव को बैठा दिया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने आदेश जारी कर दिया है. इसे लेकर अब कांग्रेस और बीजेपी की ओर से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. संगठन में अचानक आया आदेश अब कई चर्चाओं को जन्म दे रहा है.


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कांग्रेस ने साधा निशाना
आदिवासी खेमे से आने वाले विष्णु देव साय हटाकर अरुण साव को अध्यक्ष बनाने पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में आदिवासियों के लिए कभी प्रेम रहा ही नहीं है. केवल छलावा ही किया गया है. विष्णु देव साय को प्रदेश अध्यक्ष से हटाए जाने पर खाद्य मंत्री ने दुख व्यक्त किया है और कहा कि आदिवासी समाज को अपमान करने का काम किया गया है.


नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने दी बधाई
सांसद अरुण साव को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम उनके नेतृत्व में मिलकर 2023 में अच्छे से काम करेंगे. विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी चेहरा को हटाकर ओबीसी चेहरा को कमान देने के कांग्रेस के बयान पर उन्होंने कहा कि आदिवासी के बहुत से लोग हमारे यहां पदाधिकारी, परिवर्तन का क्रम चलता रहता है. इस पर बहुत कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने दी बधाई
अरुण साव को छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अरुण साव की नियुक्ति की है. हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में आगामी चुनाव में सफलता मिलेगी. रमन सिंह ने अरुण साव को बधाई देते हुए कहा कि अगले चुनाव को लेकर युवा नेतृत्व पर भरोसा जताया गया है. विष्णुदेव साय 3 बार प्रदेश अध्यक्ष रहें. उनके अनुभवों का लाभ भी पार्टी लेती रहेगी. आने वाला समय एक चुनौती है.


यहां जानें अरुण साव को
अरुण साव का जन्म 25 नवंबर 1968 को मुंगेली के लोहड़िया गांव में हुआ था. उन्होंने मुंगेली और बिलासपुर से उच्च शिक्षा प्राप्त की. 1990 से 95 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मुंगेली तहसील इकाई के अध्यक्ष, जिला संयोजक से प्रांतीय सह मंत्री और राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बने. भाजपा की राजनीति में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के साथ युवा मोर्चा से शुरुआत की. 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर रहे.


1998 में दशरंगपुर से जनपद पंचायत के सदस्य के पद के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा. 1996 से मुंगेली, 2001 में उच्च न्यायालय बिलासपुर में वकालत किया. 2004 में छत्तीसगढ़ शासन के पैनल लॉयर, 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता, 2008 से 2013 तक शासकीय अधिवक्ता और 2013 से 2018 तक उप महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पद पर कार्यरत रहे. अब सांसद हैं और पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा भी सौंपा है.