Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव का शोर अब धीरे-धीरे सुनाई देने लगा है. चुनाव के लिए परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बार प्रदेश के 183 निकायों में से 80 से 90 में परिसीमन की प्रक्रिया जारी है. जिसमें रायपुर नगर निगम भी शामिल है. रायपुर नगर निगम में परिसीमन के बाद ज्यादातर वार्डों की संख्या और तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है. शहर के दो वार्ड पूरी तरह से खत्म हो गए हैं, इन दोनों वार्डों को शहर के अलग-अलग वार्डों में मर्ज कर दिया गया है. ऐसे में रायपुर नगर निगम में कुल वार्डों की संख्या अब 70 हो गई है. ऐसे में परिसीमन की इस प्रक्रिया पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने नजर आ रही है. दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. 


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परिसीमन की प्रक्रिया जारी 


दरअसल, छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत तक यानि दिसबंर तक होने वाले नगरीय निकाय के लिए परिसीमन की प्रक्रिया जारी है. हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रदेश के चार नगरीय निकायों में होने वाले परिसीमन पर लगी रोक को भी हटा दिया है. ऐसे में 2011 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया जारी है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ की आबादी तीन करोड़ से भी ज्यादा है. ऐसे में जल्द से जल्द परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो ताकि वोटर लिस्ट तैयार की जा सके. वहीं परिसीमन की प्रक्रिया को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में घमासान भी जारी है. 


रायपुर में दो वार्डों को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने 


दरअसल, रायपुर नगर निगम के लिए हुई परिसीमन की प्रक्रिया में दो वार्डों को खत्म कर दिया गया है. जिनमें पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड और महात्मा गांधी वार्ड को खत्म कर दिया. यहां बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद थे. पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड को दो टुकड़ों में करके लाल बहादुर शास्त्री और गुरुगोविंद सिंह वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. जबकि महात्मा गांधी वार्ड को देवेंद्र नगर और पंडरी वाले वार्डों में मर्ज कर दिया गया है. शक्ति नगर और शंकर नगर के इलाकों को जोड़कर नया महात्मा गांधी वार्ड बना दिया गया है. 


बता दें कि रायपुर नगर निगम में कुल 13 एमआईसी सदस्य हैं, जिनमें 10 जोन अध्यक्ष आते हैं. नई परिसीमन प्रक्रिया के तहत इनमें से एक एमआईसी सदस्य और एक जोन अध्यक्ष का वार्ड पूरी तरह से खत्म हो गया है. इन दोनों वार्डों में कांग्रेस के सदस्यों का प्रतिनिधत्व था. ऐसे में कांग्रेस ने इसे पक्षपात पूर्ण कार्रवाई बताया है. 


दावे आपत्तियां हो सकती हैं 


हालांकि परिसीमन की प्रक्रिया को लेकर दावा आपत्तियां हो सकती हैं. वहीं बताया जा रहा है कि रायपुर नगर निगम की परिसीमन प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस हाईकोर्ट भी जा सकती है. इसी तरह से राज्य के दूसरे नगरीय निकायों में भी परिसीमन प्रक्रिया को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में विवाद देखा जा रहा है. दरअसल, नियमों के मुताबिक जब किसी नगरीय निकाय का दायरा बढ़ता या घटता तो उसके वार्डों में परिसीमन किया जाता है. परिसीमन से वार्डों का क्षेत्र व नक्शा बदल दिया जाता है. इसके बाद वोटर लिस्ट तैयार की जाती है और फिर बाद में चुनावी प्रक्रिया संपन्न होती है. 


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