हितेश शर्मा/दुर्गः अंग्रेजी स्कूल से होने वाले प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अब हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल के बच्चे भी इंटरनेट से पढ़ाई करेंगे. छत्तीसगढ़ का स्कूली शिक्षा विभाग बच्चों को स्कूल में पढ़ाने और बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. 'स्कूल आ पढ़े बर जिंदगी लेजे गढ़े बर' इस नारे के साथ छत्तीसगढ़ का स्कूली शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों में स्किल डेवलपमेंट के लिए अलग-अलग तरह की योजनाएं लागू कर रहा है. इसी कड़ी में एक ऐसी विशेष योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दुर्ग जिले में लागू हो रही है. जिससे अब बच्चे भी स्मार्ट एजुकेशन का लाभ ले पाएंगे.


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दुर्ग के 180 स्कलों को बनाया जाएगा हाईटेक
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक और जहां स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी मीडियम विद्यालय बनाए हैं तो वहीं अब बाकी स्कूलों में भी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग जिले में अब शिक्षा की क्रांति को लेकर एक नई अलख जगाई जा रही है. जिसके अंतर्गत 180 स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाया जा रहा है. यह स्मार्ट स्कूल इसलिए क्योंकि अब इनमें हाईटेक तरीके से पढ़ाई होने जा रही है. इसका फायदा बच्चों को तो मिलेगा ही इसके साथ साथ स्कूल में पढ़ रहे बच्चे हाईटेक एजुकेशन से भी लाभान्वित होंगे. बच्चों को हाई क्वालिटी का एजुकेशन मिलने जा रहा है.


जानिए क्या कहा कलेक्टर ने
दुर्ग जिले में अब बच्चों की पढ़ाई इंटरनेट और बायजूस के पढ़ाने वाले एक्सपर्ट अब सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाएंगे. दुर्ग जिले के सरकारी स्कूल जल्द हाईटेक होने जा रहे हैं. इसके लिए प्रारंभिक चरण में 180 स्कूलों में इंटरनेट सेवा जल्द शुरू कराई जाएगी. कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल को समग्र शिक्षा व इंटरनेट एजेंसियों से बात कर इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए हैं.


डिजिटल शिक्षा को दिया जा रहा बढ़ावा
दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कहा कि स्कूलों में डिजिटल तरीके से शिक्षण को बढाया दिया जा रहा हैं. इससे स्कूली बच्चों को बेहद स्तर पर पाठ्य सामग्रियां उपलब्ध हो पाएगी. उन्होंने कहा कि स्कूलों में इंटरनेट और बायजूस के माध्यम से अब बच्चों पढ़ाया जाएगा, गांव के बच्चों को अब अच्छे क्वालिटी एजुकेशन बायजूस माध्यम से दिया जाएगा.


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