CG Politics: छत्तीसगढ़ की राजनीति में बुलडोजर पर बवाल! अरुण साव के बयान पर CM बघेल का करारा जवाब
CM Baghel on Arun Sao Bulldozer`s statement: नेता प्रतिपक्ष अरुण साव के बुलडोजर को लेकर दिए बयान पर मुख्यमंत्री बघेल ने पलटवार किया है. सीएम बघेल ने कहा कि उन्हें तय करना चाहिए कि उनका नेता कौन है, योगी या मोदी.
चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष अरुण साव (BJP leader and Leader of Opposition Arun Sao) के बुलडोजर वाले बयान पर राज्य की सियासत गर्म हो गई है. नेता प्रतिपक्ष के बुलडोजर वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है. सीएम बघेल ने कहा कि वह तय कर लें कि उनके नेता कौन है योगी हैं कि मोदी हैं?
मोदी का जादू उतर रहा है: सीएम बघेल
सीएम बघेल ने कहा कि मुख्य रूप से बात यह है कि उन्होंने यह लाइन बुलडोजर चलाएंगे कहकर यह बता दिया कि मोदी का जादू उतर रहा है. अमित शाह का जादू खत्म हो चुका है. इसलिए अब योगी इनके नेता है. वो यह स्पष्ट करें मोदी और शाह की जोड़ी चलेगी कि अब योगी की राजनीति चलेगी. वह तय कर लें कि उनके नेता कौन हैं? योगी हैं कि मोदी हैं?
बीजेपी सरकार ने कौशल्या माता मंदिर की सुध नहीं ली
वहीं कौशल्या महोत्सव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरी दुनिया में एकमात्र कौशल्या माता का मंदिर है. 15 साल तक बीजेपी सरकार ने सुध नहीं ली. महाराष्ट्र के राज्यपाल का गांव है चंदखुरी. उन्होंने ध्यान नहीं दिया. हमने उनका जीर्णोद्धार किया, हमने सौंदर्यीकरण किया. हर साल कार्यक्रम करते हैं, अब बजट में हमने शामिल कर दिया है. कौशल्या महोत्सव हर साल मनाया जाएगा.
मोदी के खिलाफ कोई सवाल नहीं कर सकता: बघेल
राहुल गांधी के बंगले खाली करने को लेकर सीएम ने कहा कि जो भी व्यक्ति सवाल करेगा उनके साथ यही होना है. मोदी के खिलाफ कोई सवाल नहीं कर सकता, अडानी के खिलाफ कोई सवाल नहीं कर सकता. मोदी जी से सवाल करो तो एक बार सह भी लेते हैं. अडानी के खिलाफ कोई सवाल करोगे तो बर्दाश्त नहीं होता. राहुल जी की सदस्यता भी समाप्त हुई और उनको बंगला भी खाली करा दिया गया. आगे उन्होंने आगे कहा कि सत्यपाल मालिक के साथ क्या हुआ? उन्होंने एक सवाल कर दिया उनके पीछे सीबीआई लग गई. जहां गैर भाजपा शासित राज्य हैं. उसमें ईडी, आईटी, सीबीआईसभी केंद्रीय एजेंसियां लगी हुई हैं. प्रजातंत्र में सवाल पूछा जाता है. या तो विपक्ष सवाल पूछता है या पत्रकार सवाल पूछता है. पत्रकार वार्ता तो कभी करते नहीं और विपक्षी यदि सवाल करें तो उसे कुचल देते हैं, दबाने की कोशिश करते हैं. जो तानाशाह है वह इस बात से डरता है कि मुझ से डरना लोग बंद मत करें. लोगों में डर खत्म हो जाएगा तो तानाशाह का तानाशाही खत्म हो जाएगा. इसलिए सारे हथकंडे अपना रहे हैं.
वहीं नंदकुमार साय की नाराजगी को लेकर सीएम बघेल ने कहा कि बिल्कुल सही कह रहे हैं. लगातार मामला उठाते रहे हैं. भाजपा में चाहे ननकीराम कंवर हो विष्णुदेव साय हो, नन्दकुमार साय हो, पहले बलिराम कश्यप भी हैं. इन सभी को किनारे लगा दिया गया. विष्णु देव साय को तो विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही हटा दिए गए.