बिलासपुर: बोरवेल से कई दिनों के बाद निकले राहुल को देखने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अस्‍पताल पहुंचे हैं. वो राहुल का हालचाल जान रहे हैं. सीएम बघेल ने राहुल के साथ-साथ उनके परिजनों और डॉक्टरों से भी बातचीत की. गौरतलब है कि दिल्ली से रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राहुल से मिलने के लिए सीधे बिलासपुर के लिए रवाना हुए. सीएम भूपेश बघेल ने राहुल को लेकर ट्वीट में कहा कि बहादुर राहुल साहू हौसला और हिम्मत का पर्याय है. 




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बता दें कि जांजगीर -चाम्पा जिले के अंतर्गत मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पिहरीद में 11 वर्षीय बालक राहुल साहू अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिरकर फंस गया था. 10 जून को दोपहर लगभग 2 बजे अचानक घटी इस घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तैनात हो गई. समय रहते ही ऑक्सीजन की व्यवस्था कर बच्चे तक पहुंचाई गई. कैमरा लगाकर बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखने के साथ उनके परिजनों के माध्यम से बोरवेल में फंसे राहुल पर नजर रखने के साथ उनका मनोबल बढाया जा रहा था. उसे जूस, केला और अन्य खाद्य सामग्रियां भी दी जा रही थीं. विशेष कैमरे से पल-पल की निगरानी रखने के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही थी. आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था और एम्बुलेंस भी तैनात किए गए थे. राज्य आपदा प्रबंधन टीम के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) की टीम ओडिशा के कटक और भिलाई से आकर रेस्क्यू में जुटी थी. सेना के कर्नल चिन्मय पारीक अपने टीम के साथ इस मिशन में जुटे थे. रेस्क्यू से बच्चे को सकुशल निकालने के लिए हर सम्भव कोशिश की गई. देश के सबसे बड़े रेस्क्यू के पहले दिन 10 जून की रात में ही राहुल को मैनुअल क्रेन के माध्यम से रस्सी से बाहर लाने की कोशिश की गई. राहुल द्वारा रस्सी को पकड़ने जैसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिए जाने के बाद परिजनों की सहमति और एनडीआरएफ के निर्णय के पश्चात तय किया गया कि बोरवेल के किनारे तक खुदाई कर रेस्क्यू किया जाए. रात लगभग 12 बजे से पुनः अलग-अलग मशीनों से खुदाई प्रारंभ की गई. लगभग 60 फीट की खुदाई किए जाने के पश्चात पहले रास्ता तैयार किया गया. एनडीआरएफ और सेना के साथ जिला प्रशासन की टीम ने ड्रीलिंग करके बोरवेल तक पहुचने के लिए सुरंग बनाई गई. सुरंग बनाने के दौरान कई बार मजबूत चट्टानें आने से इस अभियान में कई बाधाएं आईं. बिलासपुर से अधिक क्षमता वाली ड्रिलिंग मशीन मंगाए जाने के बाद बहुत ही एहतियात बरतते हुए काफी मशक्कत के साथ राहुल तक पहुंच गया. जिसके बाद कल सेना,एनडीआरएफ के जवानों द्वारा रेस्क्यू कर राहुल को बाहर निकाला गया. मौके पर ही चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और बेहतर उपचार के लिए उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अपोलो अस्पताल लाया गया. बहरहाल 104 से अधिक घण्टे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में राहुल साहू के जीवित बाहर निकाल लिए जाने से सभी ने राहत की सांस ली. पिता लाला साहू, माता गीता साहू सहित परिजनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कलेक्टर, जिला प्रशासन के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और एनडीआरएफ, सेना,एसडीआरएफ सहित सभी को विशेष धन्यवाद दिया.