Charan Paduka Yojana: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ की साय सरकार के कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है. बजट में कई अहम प्रावधान किए गए हैं. वहीं बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वित्त मंत्री का तारीफ करते हुए कहा कि यह बजट ऐतिहासिक है, जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बात की. खास बात यह है कि रमन सरकार के कार्यकाल की एक योजना फिर से शुरू करने की घोषणा भी बजट में हो गई है. 


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एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट


सीएम साय ने बताया कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश किया है. जो अमृतकाल की नींव और GREAT CG की थीम पर बना हुआ था. सीएम साय ने बताया कि बजट का प्लान छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकासशील से विकसित राज्य बनाने के तौर पर किया गया था. उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी को पांच लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य हमने रखा है. 


चरण पादुका योजना फिर से शुरू होगी 


सीएम साय ने कहा ''यह हमारी सरकार का पहला बजट है, ऐतिहासिक बजट रहा है, वित्त मंत्री के साथ पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों को बजट के लिए बधाई, हमारा फोकस चार क्षेत्र में रहा, गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के क्षेत्र में, हम गरीब तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका योजना फिर से शुरू की जाएगी.' बता दें कि यह योजना बघेल सरकार के कार्यकाल में बंद कर दी गई थी. लेकिन अब इस योजना को फिर से शुरू कर दिया गया है. 


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सीएम ने कहा 'युवाओं के भविष्य के साथ पिछली सरकार में धोखा हुआ, उनकी भी सीबीआई से जांच कराएंगे, किसानों के लिए भी भारी प्रावधान इस बजट में किया गया है, नारी सशक्तिकरण के लिए अनेकों प्रावधान किया गया है, मोदी की गारंटी के तहत विवाहित महिलाओं को प्रति माह 1 हजार की राशि दी जाएगी, कोई भी क्षेत्र इस बजट में छूटा नही है, चहुमुखी विकास का बजट पेश किया गया है. 


'विकसित भारत' के दृष्टिकोण का बजट 


सीएम ने कहा 'यह बजट हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण की तरह ही हमारा 'विकित छत्तीसगढ़' का सपना है. जैसा कि वह (प्रधानमंत्री) कहते हैं कि हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी दुनिया, छत्तीसगढ़ की भी इसमें भूमिका होगी.'


राशन के लिए बड़ी व्यवस्था 


विकसित छत्तीसगढ़ की अवधारणा को मूर्त रूप में लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य है प्रदेश का कोई नागरिक भूखा न रहे. अमृत काल के इस बजट में मुख्यमंत्री खाद्यान्न  सहायता योजना के लिए 3,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.


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