Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ कांग्रेस का हार पर मंथन, इस MLA की सबसे ज्यादा चर्चा, मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
Chhattisgarh Vidhan Sabha Chunav: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस करारी हार के बाद मंथन में जुटी है. दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के नेताओं ने प्रदेश के नेताओं के साथ हार पर मंथन किया है.
Chhattisgarh Election Result: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. बघेल कैबिनेट के ज्यादातर मंत्री चुनाव हार गए ऐसे में अब हार पर मंथन का दौर चल रहा है. दिल्ली में कांग्रेस आलकमान के साथ पार्टी के नेताओं की बैठक हुई. जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शामिल हुए. वहीं प्रदेश नेतृत्व की तरफ से पूर्व सीएम भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज शामिल थे. इस बैठक के साथ-साथ प्रदेश में नए नेता प्रतिपक्ष को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हैं.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के निर्देश
बताया जा रहा है कि बैठक में इस बात पर चर्चा सबसे ज्यादा हुई है कि विधानसभा चुनाव की हार को पीछे छोड़ते हुए आने वाले लोकसभा चुनाव में जुटना है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में अपने बड़े नेताओं और विधानसभा चुनाव हारने वाले मंत्रियों पर भी दांव लगा सकती है. क्योंकि फिलहाल प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से केवल 2 सीटें ही पार्टी के पास हैं. जबकि 9 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में मिली हार की भरपाई लोकसभा चुनाव में करना चाहती है.
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बैठक के बाद पार्टी की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने कहा 'कुमारी शैलजा ने कहा 'चुनावी परिणाम से जुड़ी समीक्षा बैठक हुई, जहां सभी ने अपने विचार रखे. हम छत्तीसगढ़ का चुनाव हार गए, लेकिन हमारा वोट प्रतिशत कम नहीं हुआ है. हमने जनता का विश्वास हासिल किया है. हम निराश हुए हैं, लेकिन हताश नहीं हुए हैं. आने वाले समय में हम मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.'
उमेश पटेल को मिल सकती है नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी
खास बात यह है कि बैठक से पहले कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमेश पटेल को दिल्ली कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली तलब किया था. उमेश पटेल को नेता प्रतिपक्ष रेस में प्रबल दावेदार माना जा रहा है. पटेल बघेल सरकार में मंत्री रह चुके हैं, युवा हैं और जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में हैं. बता दें कि उमेश पटेल खरसिया विधानसभा सीट से लगातार तीसरा चुनाव जीते हैं. 2013 में उन्होंने पहली जीत हासिल की थी, इसके बाद 2018 में उन्होंने दूसरी जीत हासिल की और बघेल सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी. जबकि 2023 में वह लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. ऐसे में पार्टी उन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष कि जिम्मेदारी सौंप सकती है.
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