नीलम पड़वार/कोरबा: सांप का नाम सुनते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं. डर से लोगों की हालत खराब हो जाती हैं. सांप यदि आप के घर पर रखें जूते-चप्पल के बीच छुप कर बैठा हो और जूते निकालते समय अचानक से फन निकाल कर आप पर हमला करे तो क्या होगा. सोंचकर ही दिल दहशत से सिहर उठती हैं, लेजिन ऐसा हुआ है छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में. कोरबा के रामपुर क्षेत्र में रहने वाले राजेश बरवे के घर में एक काला नाग जूते-चप्पल रखने के स्टैंड में घुस गया गनीमत रही की घर की पालतू बिल्ली ने सबकी जान बचा ली.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पालतू बिल्ली की वजह से परिवार को चला पता
राजेश बरवे का पूरा परिवार रोज की तरह अपने दैनिक कार्य कर रहे थे कि अचानक उनकी पालतू बिल्ली कमरे में रखे जूता स्टैंड के पास जाकर खड़ी हो गई और अंदर मुंह डालकर कुछ सूंघने लगी. परिवार वाले बिल्ली द्वारा की जा रहे इस प्रतिक्रिया से जान गए की जूते चप्पल के ढेर में सांप होगा. क्योंकि इससे पहले भी उनके घर में कई बार कोबरा सांप घुस चूका था.


समझदारी दिखाकर सर्प मित्र को बुलाया
परिवार वाले यह तो समझ गए थे की जूते-चप्पलों के ढेर के पीछे सांप है, लेकिन सांप दिखाई नहीं दे रहा था. हालांकि बिल्ली की प्रतिक्रिया से गुस्साए सांप की फुंफकारने की आवाज़ स्पष्ट आ रही थी. हालात को देखते हुए राजेश बरवे की पत्नी अनिता बरवे ने बिना देरी किए इसकी जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम के जितेन्द्र सारथी को दी.


ये भी पढ़ें: एक साथ उठी 4 मासूमों की अर्थी, बाबा महाकाल की नगरी में आंसुओं का सैलाब


गुस्साएं सांप को किया गया रेस्क्यू
सुचना मिलने के कुछ देर बाद ही जितेन्द्र सारथी राजेश बरवे के घर पहुंचे. सबसे पहले जितेंद्र सारथी ने बड़ी ही सावधानी से जूते चप्पल से भरे रैक को खाली करना. जैसे ही ढेर के ऊपर में रखे जूते चप्पल को हटाया गया वैसे ही काला नाग (कोबरा) फन फैला के खड़ा हो गया और लगातार फुंफकारते हुए गुस्से से जितेंद्र सारथी पर हमला करने की कोशिश करने लगा.


फुंफकारने की आवाज भयावह थी
जब सांप का रेस्क्यू किया जा रहा था तब वह बहुत आक्रोशित हो गया था, जिसकी वजह से सांप के फुंफकारने की आवाज भयावह लग रहा था. इसे सुनकर बरवे परिवार की डर से हालत ख़राब हो रही थीं, लेकिन जैसे तैसे जितेंद्र सारथी ने सांप पर क़ाबू पाया और उसको रेस्क्यू कर घर से बाहर निकाल लिया. तब थोड़ा घर वालों को राहत महसूस हुई.


राजेश बरवे के घर पहले भी घुस चूका है सांप
राजेश बरवे की पत्नि अनिता बरवे ने बताया की इससे पहले भी उनके घर में कई बार कोबरा और धमना सांप घुस चुके हैं, पर पालतू बिल्ली की वजह से हमारी जान बच जाती हैं. अनीता बरवे ने इस दौरान रेस्क्यू टीम को धन्यवाद देते हुए जितेंद्र सारथी के बारे में कहा की सांप का पता चलते ही जितेन्द्र सारथी हर पल सेवा के लिए समर्पित रहते हैं.


एक चूक हमारी जिंदगी को मौत में बदल सकती है-जितेंद्र सारथी
जितेन्द्र सारथी ने बताया की हमारे काम में दुसरे काम की अपेक्षा ज्यादा खतरा होता हैं. एक सेकंड की गलती और मौत निश्चीत हैं. पर किसी ना किसी को तो आगे आना होता हैं. मानव जीवन के साथ इन बेजुबान जीवों को जान बचाने लिए ताकि दोनो को ज़िंदगी बच सकें.


ये भी पढ़ें: आफत के बीच राहत: भारी बारिश से बढ़ेगा बिजली उत्पादन, किसानों को मिलेगा भरपूर पानी


रेस्क्यू टीम जिले में किस तरह काम कर रहीं है
स्नेक रेस्क्यू टीम 24 घण्टे हर समय रेस्क्यू के लिए तैयार रहती है. रेस्क्यू कॉल आते ही अपने खर्चे पर कॉलर के घर पहुंचते हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू को अंजाम देते है और सांप को सुरक्षित पकड़ लेने के उपरांत घर वालो को राहत महसूस कराकर ही लौटते हैं.


15 अगस्त को जिला प्रशासन ने किया सम्मान
कोरबा जिला प्रशासन ने 15 अगस्त आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान स्नेक रेस्क्यू टीम के सराहनीय कार्य के लिए उनको सम्मानित किया. हालांकि प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए आर्थिक सहयोग के बारे में भी सोचना जरूरी है, जो जिले में हज़ारों लोगों के साथ बेजुबान जीवों की जान बचाने के लिए हर पल समर्पित रहते हैं.