दंतेवाड़ाः जिले में पदस्थ सीआईएसएफ के दो जवानों में चिकनपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं. जवानों में मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए भी उनके नमूने जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं. वहीं जवानों को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिट किया गया है. डॉक्टरों ने जब जवानों से उनकी ट्रैवल हिस्ट्री पूछी तो पता चला कि एक जवान हाल ही में दिल्ली से लौटा है. फिलहाल दोनों जवानों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. 


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मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. नवीन दुल्हानी ने बताया कि जवानों के पेट पर उभरे दानों में लिम्फनोड नहीं हैं,इसलिए इसे मंकीपॉक्स नहीं कहा जा सकता.हालांकि जवानों की ट्रैवल हिस्ट्री को देखते हुए दोनों का मंकीपॉक्स का भी सैंपल लिया गया है. फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. बता दें कि चिकनपॉक्स और मंकीपॉक्स दोनों ही संक्रमण में मरीज के शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं और कई अन्य लक्षण भी समान हैं लेकिन मंकीपॉक्स के दानों और चिकनपॉक्स के दानों में थोड़ा अंतर होता है, जिसे विशेषज्ञ पहचान सकते हैं.


चिकनपॉक्स के लक्षण
चिकनपॉक्स के लक्षणों में बुखार, शरीर पर दानों के साथ चक्कर आना, दिल की धड़कन तेज होना, सांस की तकलीफ, झटके, दौरे पड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान, खांसी, उल्टी और गर्दन में कठोरता महसूस हो सकती है. 


क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह बीमारी फैलती है. यह संपर्क शारीरिक या फिर घावों या बॉडी फ्लूड के संपर्क में आने भी हो सकता है. मंकीपॉक्स के लक्षणों की बात करें तो-
बुखार, त्वचा पर चकते जो बाद में दाने बन जाते हैं. सूजे हुए लिम्फ नोड्स, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, गले में खराश और खांसी की समस्या हो सकती है.


मंकीपॉक्स से बचाव के लिए संक्रमित मरीजों को अलग रखें. अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं और हैंडसेनेटाइजर का इस्तेमाल करें. संक्रमित व्यक्ति के पास हों तो मास्क और डिस्पोजेबल दस्ताने पहने.